Sunday, December 22, 2024
13 C
Chandigarh

क्यों और कैसे बनता है इंद्रधनुष?

इंद्रधनुष(रेनबो, rainbow) एक मौसम संबंधी फंडा यानि घटना है. इंद्रधनुष पानी की बूंदों में प्रकाश के परावर्तन(reflection), अपवर्तन(refraction) और फैलाव(dispersion) के कारण बनने वाला एक संयोजन(combination) होती है जिसके परिणामस्वरूप आकाश में प्रकाश का एक स्पेक्ट्रम(spectrum) यानि रंगावली दिखाई पड़ता है। अंतत: यह बहुरंगी गोलाकार चाप(arc) का रूप ले लेता है। सूरज की रोशनी से होने वाली रेनबो आकाश में हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में दिखाई देती है।

इंद्रधनुष पूर्ण वृत्ताकार (full circles) हो सकते हैं। हालाँकि, दर्शक आमतौर पर केवल एक अर्ध गोलाकार चाप ही देखता है जो जमीन के ऊपर चमकती बूंदों से बनता है. यह चाप सूर्य से दर्शक की आंख की ओर एक सीधी रेखा पर केंद्रित होता है।

आमतौर पर रेनबो दो तरह के होते हैं.  मुख्य(primary) या प्राथमिक इंद्रधनुष और दोहरा (double) इंद्रधनुष।

मुख्य इंद्रधनुष में बाहरी भाग पर अर्ध गोला लाल दिखाई देता है जबकि अंदर की ओर बैंगनी चाप होती है। मुख्य रेनबो तब बनता है जब प्रकाश की किरण पानी की छोटी बूंद में प्रवेश करने पर अपवर्तित(refracted) होती है और उसके तुरंत बाद बूँद के अंदर से इसके पिछले भाग में प्रतिबिंबित(reflected) होती है और फिर (प्रकाश की यह किरण) बूँद की सतह को छोड़ते समय फिर से वापिस अपवर्तित(refracted ) हो जाती है।


मुख्य(primary) या प्राथमिक इंद्रधनुष

दोहरे इंद्रधनुष में, प्राथमिक चाप के बाहर एक दूसरा चाप दिखाई देता है, और इसके रंगों का क्रम उल्टा होता है, जिसमें चाप के अंदरूनी हिस्से पर लाल रंग होता है। यह प्रकाश छोड़ने से पहले बूंद के अंदर दो बार परिवर्तित (refracted) होने के कारण होता है।


दोहरा इंद्रधनुष (Double Rainbow)

एक इंद्रधनुष देखने वाले से एक निश्चित दूरी पर स्थित नहीं होता है न ही इसका कोई वास्तविक, छूने योग्य अस्तित्व होता है। दरअसल इसे एक दृष्टि-भ्रम भी कहा जा सकता है, जो कि पानी की सूक्ष्म बूंदों को प्रकाश के स्रोत के सापेक्ष(relative,अनुकूल) एक निश्चित कोण से देखने के कारण उत्पन्न होता है.

दरअसल, एक दर्शक के लिए प्रकाश स्रोत के विपरीत दिशा से 42 डिग्री के अलावा किसी भी कोण पर पानी की बूंदों से एक इंद्रधनुष देखना असंभव है। यहां तक कि अगर एक दर्शक किसी अन्य दर्शक को देखता है, जो एक इंद्रधनुष के अंत में खड़ा दीखता है, तो दूसरे दर्शक को को एक अलग ही इंद्रधनुष दिखाई देगा – जो कि पहले दर्शक द्वारा देखे गए कोण के समान दूर स्थित होगा।

इंद्रधनुष को तब भी देखा जा सकता है जब हवा में पानी की बूंदें हों और कम ऊंचाई वाले कोण पर दर्शक के पीछे से सूरज की रोशनी आ रही हो। इस वजह से, रेनबो आमतौर पर पश्चिमी आकाश में सुबह के समय  और पूर्वी आकाश में शाम के समय देखा जाता है। सबसे शानदार रेनबो तब दिखता है जब आधे आकाश में बारिश के बादलों के साथ थोड़ा अंधेरा होता है और दर्शक सूर्य की दिशा में साफ़ आसमान के साथ एक स्थान पर होता है।

तो हमें बताएं की इंद्रधनुष के बारे में हमारी यह सीमित जानकारी आपको कैसी लगी. पसंद आये तो इसे शेयर करें और नयी जानकारी के लिए हमारे फेसबुक पेज को  फॉलो करें

English Source: Wiki

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR