यह हाईटेक दौर है। चाहे सरकारी सेक्टर हो या प्राइवेट, हर क्षेत्र में ज्यादातर काम कंप्यूटर पर हो रहा है। टिकट बुकिंग से लेकर बिल बनाने तक हर काम कंप्यूटर पर हो रहे हैं. आज बड़ी संख्या में लोग अपना अधिकतर समय कंप्यूटर या मोबाइल पर बिताते हैं।
कंप्यूटर कई लोगों, खासकर आज की युवा पीढ़ी की आजीविका का प्रमुख माध्यम बन चुका है. हर क्षेत्र में डाटा एंट्री ऑपरेटर से लेकर सॉफ्टवेयर इंजिनियर तक के दर्जनों विभिन्न कंप्यूटर की जॉब लोग कर रहे हैं.
कंप्यूटर जहाँ हमारी कामों में और हमारे रोजगार में हमारी मदद कर रहा है वहीँ हमारे फिजिकल फिटनेस के लिए बुरा भी साबित हो रहा है. जाहिर है कि कंप्यूटर की जॉब करने के लिए इसके सामने बैठना पड़ता है. कंप्यूटर के सामने ज्यादा देर तक बैठने के कारण सर्वाइकल, आंखों की समस्याएं, पीठ और रीढ़ की हड्डी में दर्द, मांसपेशियों का कमजोर पड़ना, मोटापा, गैस और मानसिक तनाव जैसी अनचाही बीमारियाँ हमें घेर रही हैं.
चूंकि हम कंप्यूटर से काम करना बंद तो नहीं कर सकते लेकिन कुछ साधारण सी बातें हैं जिन्हें अपना कर इन बुरे प्रभावों से बच सकते हैं. यहाँ हम कुछ टिप्स दे रहे हैं जिन्हें अपना कर आप इन समस्याओं खास कर आँखों से सम्बंधित व्याधियों से बच सकते हैं. ये रहे कंप्यूटर की जॉब करने वालों के लिए कुछ खास टिप्स..
फॉन्ट बड़ा रखें
कंप्यूटर पर लिखने व पढ़ने वाला फॉन्ट यानि Text थोड़ा बड़ा रखें। बड़े फॉन्ट साइज से आंखों को पर ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ता। कैसे करें?
गहरे रंग के फॉन्ट
कंप्यूटर पर लिखते व पढ़ते समय गहरे रंग के फॉन्ट और हल्के रंग के बैक ग्राउंड से आँखें सहज रहती हैं और आँखों को आराम मिलता है।
पलके झपकाते रहें
कंप्यूटर पर काम करते समय, बीच-2 में आंखे जल्दी-2 झपकाएं। देर तक आँखें न झपकाने से आँखें सूख जाती हैं जिससे आँखों की ड्राईनेस की समस्या हो सकती है.
ब्राइटनेस यानि लाइट सामान्य हो
कंप्यूटर स्क्रीन में ब्राइटनेस और लाइट की चमक न कम हो न ज्यादा हो। ब्राइटनेस की वजह से भी आंखों में प्रेशर और कभी-2 सरदर्द भी होता है।
स्क्रीन से अलग देखें
काम करते समय हर 1 मिनट के बाद स्क्रीन से बाहर देखें। इससे आंखों की मांसपेशियां अपनी सामान्य स्थिति में आतीं हैं और इन्हें आराम मिलता है।
कमरे में उचित प्रकाश हो
कंप्यूटर पर काम करते समय कमरे में उचित प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए. कम रौशनी वाले कमरे में या अँधेरे में कंप्यूटर पर काम कभी न करें। रोशनी का स्रोत जैसे बल्ब ऐसी जगह हो जहाँ से लाइट सीधे आँखों पर न पड़ती हो।
झुककर न बैठे
कंप्यूटर पर काम करते समय बिल्कुल सीधे बैठना चाहिए। स्क्रीन आँखों के बिलकुल सीध में हो. झुककर बैठने से रीढ़ की हड्डी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
लगातार न बैठें
लगातार ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर नहीं बैठना चाहिए। हर 30 मिनट बाद उठकर चलना जरूरी है। एक आसान सा तरीका यह है कि पानी की बोतल कहीं दूसरे कोने में रखें ताकि प्यास लगने पर उठ कर जाना पड़े. ज्यादा पानी पियें. यह न केवल आपको और आपकी त्वचा को तरो-तजा रखेगा बल्कि आपको उठने पर भी मजबूर कर देगा. समझ गये न? 😉
एक्सरसाइज करते रहें
कुर्सी पर बैठे-बैठे थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करते रहें। बांहों और टांगो को स्ट्रेच करें, गर्दन को इधर-2 घुमाएँ, आँखों को गोल-2 घुमाएँ, मुहं में हवा भर का फुलाएं, मुठ्ठीयों को भींच कर खोलें और बंद करें और इस तरह की हल्की फुल्की एक्सरसाइज करते रहें. शुरू में आपके सहकर्मी आपको सनकी समझ सकते हैं लेकिन यकीन मानिए आपकी देखा-देखी में एक दिन वे भी इसे शुरू कर देंगे.
सुबह-शाम व्यायाम करें
कंप्यूटर की जॉब करने वाले व्यायाम करने की आदत बनायें. हो सके तो हफ्ते में 2-3 दिन जिम जाएँ. घर पर सूर्य-नमस्कार, प्राणायाम, योग-ध्यान आदि सहज क्रियाएं करें. यह न केवल आपके तन को स्फूर्ति और उर्जा देते हैं बल्कि आपके मन को भी शांत, एकाग्रचित और तनाव-रहित रखने में आपकी मदद करते हैं.
Related Posts:
- डिजिटल उपकरणों से इन 10 उपायों से बचाएं अपनी आँखों को
- क्या सोशल मीडिया हमें बीमार बना रहा है?
- सावधान! संभलकर उपयोग करें मोबाइल फ़ोन
- मोबाइल फोन से निकलनेवाली रेडियो फ्रीक्वेंसी से ऐसे बचें!
- जानिये, कैसे आपके बच्चे के लिए हानिकारक है स्मार्टफोन!