भारत में कई मशहूर चित्रकार पैदा हुए हैं. जिन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन करके पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया और साथ ही भारत का भी नाम रौशन किया. भारत के एमएफ हुसैन और तयेब मेहता जैसे महान चित्रकारों की पेंटिंग्स अंतर्राष्ट्रीय नीलामियों में भारी-भरकम कीमतों पर बिकीं हैं. यह बात पूरी दुनिया में भारतीय चित्रकारों की लोकप्रियता साबित करती है. यह है प्रसिद्ध भारतीय चित्रकारों की सूची.
अमृता शेरगिल (30 जन. 1913 – 5 दिस. 1941)
अमृता शेरगिल एक प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार थी. वह अपने समय की सबसे करिश्माई और होनहार भारतीय कलाकार थी. उनकी अधिकांश पेंटिंग उनके देश प्रेम को दर्शाती थी और जिसमें वह हर भारतीय को अपने देश के लिए जीने की प्रेरणा व सन्देश देतीं थी.
जामिनी रॉय (11 अप्रैल 1887 – 24 अप्रैल 1972)
जामिनी रॉय 20वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली चित्रकार थी. उनका जन्म बंगाल के बांकूड़ा जिले के पास पड़ते बेलिअटर गाँव में 1887 में एक मध्य वर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता रामातार्ण एक शौंकीय कलाकार थे, उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफ़ा देने के बाद अपना बाकी का जीवन गाँव में ही व्यतीत किया था
राजा रवि वर्मा (29 अप्रैल 1848 – 2 अक्टू.1906)
राजा रवि वर्मा को भारतीय इतिहास का अब तक का सबसे महान कलाकार माना जाता है. उन्होंने महाभारत और रामयाण के द्रश्यों को अपनी चित्रकारी में उकेरा. राजा रवि वर्मा को उनके द्वारा बनायी गयी सुंदर साड़ीयां पहनी महिलाओं की पेंटिंग के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है.
मकबूल फ़िदा हुसैन (17 सितंबर 1915 – 9 जून 2011)
मकबूल फ़िदा हुसैन का जन्म 17 सितम्बर,1915 को महाराष्ट्र के पंधारपुर में हुआ था. जब वह डेढ़ साल के थे तब उन्होंने अपनी मां को खो दिया था. हुसैन के पिता ने फिर द्वारा शादी की और वह इंदौर चले गये. एमएफ हुसैन ने अपनी स्कूली शिक्षा इंदौर से प्राप्त की थी. उसके बाद हुसैन बॉम्बे चले गये और वहां जाकर फिर उन्होंने जे.जे स्कूल ऑफ़ आर्ट में दाखिला ले लिया.
तयेब मेहता (26 जुलाई 1925 – 2 जुलाई 2009)
तयेब मेहता अपनी शानदार पेंटिंग के लिए दुनिया भर में जाने जाते थे. वह एक बहुमुखी व्यक्ति थे उन्होंने फ़िल्मकार में भी अपना हाथ अजमाया था. उनके द्वारा बनायी गयी एक पेंटिंग की नीलामी 2 करोड़ में हुई थी. यह पेंटिंग किसी भारतीय द्वारा बनायी गयी अबतक की सबसे महंगी पेंटिंग थी.
अन्जोली एला मेनोन (17 जुलाई 1940)
अन्जोली एला मेनोन, प्रसिद्ध भारतीय महिला कलाकारों में से एक है. उन्होंने अपनी अदभुत कला से अपना नाम देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में बनाया है. उनके द्वारा बनायी गयी पेंटिंगस दुनियाभर की सबसे महत्वपूर्ण पेंटिंग्स के संग्रह का हिस्सा है. उनके द्वारा 2006 में बनायी गयी पेंटिंग “यात्रा” का कैलिफ़ोर्निया में सैन फ्रांसिस्को के एशियाई कला संग्रहालय में चयन किया गया था.
एफ एन सौजा (12 अप्रैल 1924 – 28 मार्च 2002)
फ्रांसिस न्यूटन का जन्म 12 अप्रैल 1924 में गोवा में हुआ था. वह अपने समय के एक प्रख्यात भारतीय कलाकार थे. फ्रांसिस न्यूटन को पश्चिम देशों में भारतीय कला को लोकप्रिय बनाने का पूरी तरह से दारोमदार जाता है. फ्रांसिस न्यूटन जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट के छात्र थे.
रामेश्वर ब्रूटा (1941)
रामेश्वर ब्रूटा का जन्म 1941 में दिल्ली में हुआ था, और वह भारत के सबसे प्रमुख चित्रकारों के रूप में उभर कर सामने आये. कला के प्रति अपने सहज जुनून होने की वजह से 1964 में वह दिल्ली के कॉलेज ऑफ़ आर्ट में शामिल हो गये और बाद में वह 1967 में प्रसिद्ध संसथान “त्रिवेणी कला संगम” के मुख्य अध्यक्ष बन गये.
एस.एच राजा (22 फ़रवरी 1922)
एस.एच. राजा का जन्म 1922 में हुआ था, उनका पूरा नाम स्येद हैदर राजा था. वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार थे. हालांकि वह 1950 से फ्रांस में रह रहे थे और वहीं अपना काम करते थे, फिर भी उन्होंने अपनी मातृभूमि भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाये रखा था.
मंजीत बावा (1941 – 29 दिसंबर 2008)
मंजीत बावा आध्यात्मिकता और सादगी को दर्शाती दिल को छू लेने वाली पेंटिंग्स बनाने के लिए जाने जाते थे. वह भारत के सर्वश्रेष्ठ व उच्च-स्तरीय कलाकारों में से एक थे. उनका जन्म पंजाब के छोटे से कस्बे धुरी में हुआ था. वह अपने अध्यात्मिकता से और कुदरत से प्यार को अपने कैनवास पर चित्र बनाकर दर्शाते थे.
अवनींद्रनाथ टगोर (7 अगस्त 1871 – 5 दिसंबर 1951)
उनका जन्म कलाकारों और चित्रकारों वाले परिवार में हुआ था और उन्होंने अपनी विरासत में मिली चित्रकारी की कला को आगे जारी रखा. बाद में उनको “भारत के आधुनिक कला के पिता” कहा गया था.
नंदलाल बोस (3 दिसंबर 1882 – 16 अप्रैल 1966)
नंदलाल बोस, प्रसिद्ध चित्रकार अवनींद्र नाथ टगोर की कला से बहुत प्रभावित हुए थे. उन्होंने अपना अनुभव भारतीय आधुनिक चित्रकला में दिया. वह अपने देश प्रेम और राष्ट्रवाद को अपने पेंटिंग के माध्यम से लोगों को दिखाते थे और लोगों को भी देश के लिए जीने की प्रेरणा देते थे.
बिकास भट्टाचार्य (18 दिसंबर 2006 – 21 जून 1940)
बिकास भट्टाचार्य को उनकी कला के लिए दो सबसे प्रतिष्ठ पुरस्कार: राष्ट्रिय पुरस्कार और पदमा श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वह एक प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार हैं. कोलकाता की राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भी उनके पिता ने बिकास भट्टाचार्य को उनके अंदर की पेंटिंग की कला को खोजने के लिए पूरा-पूरा साथ दिया था.
बि बि मुख़र्जी (7 फ़रवरी 1904 – 11 नवंबर 1980)
बिनोद बिहारी मुखर्जी (1904 – 1980) का जन्म बेहला कोलकाता में हुआ था. शांति निकेतन में कला शिक्षक थे। वे नंदलाल बोस के शिष्य थे। उनकी कला में समय समय पर शांति निकेतन में आने वाले चीनी और जापानी कलाकारों का प्रभाव देखा जा सकता है. जब वे सूरजमुखी का फूल चित्रित करते हैं तो उनकी कला को पिकासो से भी प्रभावित कहा जाता था.
बी.सी. सान्याल (22 अप्रैल 1901 – 9 अगस्त 2003)
भदेश चंद्रा सान्याल, जिनको बी.सी. सान्याल के नाम से अच्छी तरह जाना जाता है. वह एक चित्रकार, मूर्तिकार और कलाकार थे. उन्होंने अपने समय में भारत के 1905, 1947 और 1971 के विभाजन को देखा था.
मुकुल चंद्रा डे (23 जुलाई 1895 – 1 मार्च 1989)
मुकुल चन्द्रा, श्री रविन्द्रनाथ टैगोर के युग में शान्ति निकेतन के सबसे प्रभावशाली छात्रों में से एक थे. मुकुल चंद्रा ने प्रिंटमेकिंग सीखने के लिए अमेरिका और जापान के अलग-2 शहरों की यात्रा की थी. वह पहले भारतीय थे जिन्होंने प्रिंटमेकिंग को एक कला और पेशे के रूप में ग्रहण किया.
सतीश गुजराल(25 दिसंबर 1925)
सतीश गुजराल का जन्म पाकिस्तान में पड़ती नदी झेलम के पास एक छोटे से कस्बे में हुआ था. उन्होंने पूरे विश्व को अपनी शानदार पेंटिंग, ग्राफिक्स, मूर्तिकला से प्रभावित किया और भारत का नाम रौशन किया.