चंद्रयान-3 चाँद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भेजा गया तीसरा भारतीय चंद्र मिशन है। इसमें चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर है, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं है।
यह मिशन चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है, क्योंकि पिछला मिशन सफलता पूर्वक चाँद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग में विफल हो गया था, सॉफ्ट लैंडिंग का पुनः सफल प्रयास करने के लिए इस नए चंद्र मिशन को प्रस्तावित किया गया था।
Beyond Borders, Across Moonscapes:
India’s Majesty knows no bounds!.Once more, co-traveller Pragyan captures Vikram in a Snap!
This iconic snap was taken today around 11 am IST from about 15 m.
The data from the NavCams is processed by SAC/ISRO, Ahmedabad. pic.twitter.com/n0yvXenfdm
— ISRO (@isro) August 30, 2023
चंद्रयान-3 का लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (शार), श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को दोपहर 2:35 बजे हुआ था। यह यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को सायं 06:04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक उतर चुका है।
इसी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया है।
यह भी पढ़ें : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान और मिसाइल कार्यक्रम के बारे में रोचक तथ्य!
रोचक तथ्य
- चंद्रयान -3 को भेजने के लिए एलवीएम3 एम4 लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया था।
- चंद्रयान 2 की लागत एक हॉलीवुड फिल्म के बजट से भी कम थी और चंद्रयान 3 मिशन की लागत उससे भी लगभग 30% कम है।
- रोवर प्रज्ञान सहित 1752 किलोग्राम वजन वाले विक्रम लैंडर की मिशन लाइफ एक चंद्र दिवस है। जोकि चांद का एक दिन और पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है।
- चंद्रयान चंद्रमा की मिट्टी के नजदीक-सतह प्लाज्मा (आयन और इलेक्ट्रॉन) घनत्व को मापेगा। चंद्रयान-3 चंद्रमा के लैंडिंग वाली जगह के आसपास भूकंपीयता (seismicity) को भी मापेगा। यह मिशन यह पता लगाने में मदद करेगा कि चंद्रमा की मिट्टी पर किस प्रकार के रसायन पाए जाते हैं।
पढ़ें : अंतरिक्ष स्टेशन: ऐसा होता है अंतरिक्ष यात्री का जीवन
- चीन के साथ भारत चंद्रमा पर ऑपरेटिंग रोवर रखने वाला दूसरा देश बन गया है।
- भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले चीन, अमेरिका और सोवियत संघ यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं।
ISRO has released video of the Pragyan rover driving on the Lunar surface! 🌖
At around 18 seconds into the video you can see Pragyan test its ability to turn!#Chandrayaan3 #ISROpic.twitter.com/WBgw1SLUl9— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) August 26, 2023
- भारत ने पहली बार साल 2009 में चंद्रयान-1 के जरिये ये पता लगाया था कि चंद्रमा के उस क्षेत्र (दक्षिणी ध्रुव) में जहां अंधेरा रहता है, वहां पानी जमा हुआ है। चंद्रयान-1 भारत का पहला मून मिशन था, जिसे 22 अक्टूबर को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। चंद्रयान -3 ने अब वो काम पूरा किया है, जिसे चंद्रयान -1 ने अधूरा छोड़ दिया था।
#ISRO just dropped this video showing ON BOARD VIEWS of the Moon from #Chandrayaan3 as it was performing the Lunar Orbit Insertion burn!! 🌕🛰 pic.twitter.com/uKgiIECVhm
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) August 6, 2023