लोगों का कहना हैं कि वक्त के साथ खुद के तौर तरीको को बदलने में ही समझदारी होती है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी होती है जमाने के साथ यूं ही नहीं चली आ रही हैं उनके पीछे कुछ वजह और महत्व होते हैं.
वर्तमान में हमारी दिनचर्या, खान-पान और कार्य करने के तरीकों में काफी बदलाव आ गया है. आजकल हम जमीन पर बैठकर खाने की भारतीय परंपरा को भूल से गये है. लेकिन क्या आपको पता है कि जमीन पर बैठकर खाने के क्या क्या फायदे होते है.
- जब खाना खाने के लिए जमीन पर बैठते है तो उसे सुखासन कहते है. सुखासन दिमाग को शांत रखता है. यह खाना खाने की गति को धीमी रखता है. इससे आप जरूरत से ज्यादा खाना खाने से बचते है और आपका वजन नियंत्रण में रहता है.
- नीचे बैठकर खाना खाने या पालथी मारकर बैठने से पेट की मांसपेशियों, पीठ, पेट के आसपास खिंचाव पड़ता है जिसके कारण डाइजेस्टिव सिस्टम अपना काम आराम से कर पाता है. जिसके कारण खाने को बेहतर ढंग से पचाने में मदद मिलती है.
- नीचे बैठकर खाना खाने या पालथी मारकर बैठने से आपका डाइजेस्टिव सिस्टम भी सही रहता है.
- पालथी मार कर बैठ कर खाना खाने से रीढ़ की हड्डी और पीठ से जुड़ी समस्याएं नहीं होती हैं. यह पारंपरिक तरीका आपको समय से पहले बूढ़ा नहीं होने देता हैं. सोच लो अगर समय से पहले आप बूढे नही होना चाहते तो यह पारंपरिक तरीका जरूर अपनाएं 🙂
- सुखासन मुद्रा पूरे शरीर को लाभ पहुंचाती है, सुखासन मुद्रा से आपके जोड़ों का दर्द और लचीला बनाए रखने में भी मदद करती है और साथ में यह गठिया व हड्डियों की कमजोरी जैसे रोगों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है.
- पालथी मारकर बैठने से दिमाग तनाव रहित रहता है, जो कि दिमाग और तंत्रिकाओं को शांत करता है.
- बैठ कर खाना खाने से ब्लड सर्कुलेशन (blood circulation) में सुधार आता है. इस तरह से शरीर के सभी अंगों तक खून पहुंचाता है.
- इस आसन से हमारी छाती और पैरों को मजबूती प्राप्त होती है.
- यदि दिनचर्या के कामों में इतने व्यस्त है की रोज योगा या व्यायाम नहीं कर सकते हैं तो कम से कम नीचे बैठकर खाना खाने से योग के कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
- आयुर्वेद भी इस बात को मानता है कि मन को शांत रखकर खाना खाने से पाचन क्रिया को बेहतर किया जा सकता है.