सुषमा मैम, काश! आप हमारी प्रधानमंत्री होती: पाकिस्तानी महिला

सुषमा स्वराजएक और पनामा पेपर लीक मामले में शुक्रवार को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य करार दिए जाने के बाद नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा। वहीँ दूसरी और एक ऐसी पाकिस्तानी महिला भी हैं जिनका मानना है कि यदि सुषमा स्वराज पाकिस्तान की प्रधानमंत्री होती तो यह देश बदल गया होता.

हिजाब आसिफ नाम की पाकिस्तानी महिला ने भारतीय विदेश मंत्री के के एक ट्वीट के जबाव में लिखा है, ‘आपको यहाँ से ढेर सारा प्यार और सम्मान. काश! आप हमारी प्रधानमंत्री होतीं तो यह देश बदल गया होता.’

दरअसल पाकिस्तानी नागरिक हिजाब आसिफ ने भारत में इलाज करवाने के आवेदन पर सुषमा को ट्वीट कर मदद मांगी थी. पाकिस्तानी शख्स को भारत आने के लिए मेडिकल वीजा नहीं मिल रहा था. हिजाब के अनुरोध पर सुषमा ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग को इस नागरिक को वीजा देने का निर्देश दिया है.

सुषमा की इस प्रतिक्रिया से गदगद हिजाब ने एक और ट्वीट कर लिखा, मैं आपको क्या कहूँ, सुपर वूमन या भगवान! आपकी उदारता को बयान करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं, लेकिन आँखों में आंसू हैं. लव यू मैम”. आपकी तारीफ़ करने से खुद को रोक नहीं पा रही हूँ.

गौरतलब है कि, इस मामले में खुद सुषमा ने ट्वीट करके हैरानगी जाहिर की थी कि क्या पाकिस्तान के विदेश मामलों के मंत्री सरताज अजीज इस महिला के मेडिकल वीजा के लिए अनुशंसा पत्र पेश करना भूल गये थे.

ट्रैक्टर के नीचे दबने के बावजूद इस किसान को खरोंच तक न आई!!

जाको राखे साइयां, मार सके न कोई…” यह कहावत तब सच साबित हो गयी जब ट्रैक्टर के नीचे दबा हुआ व्यक्ति बिना किसी खरोंच के सही-सलामत बाहर निकल आया.

यह हादसा तब हुआ जब खेत में जुताई करने के बाद यह किसान ट्रैक्टर को सड़क पर चढ़ा रहा था. तभी ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर खेत में ही पलट गया. चालक ट्रैक्टर के नीचे इस तरह से फंस गया कि ना तो वह बोल पा रहा था न ही वह बाहर निकल पा रहा था.

ट्रैक्टरइस वीडियों को देखने से ही रोगटें खड़े हो जाते हैं। 1.52 सैकेंड के इस वीडियों में एक टैक्ट्रर उल्टा पड़ा है और किसान इसके नीचे दबा पड़ा है। सबके मन में एक ही सवाल था कि क्या वह बच पायेगा?

उसकी मदद के लिए एक जेसीबी मशीन और आसपास के आदमी भी लगे रहे। पहले जायजा लिया गया कि टैक्ट्रर को कहाँ से उठाया जाए ताकि नीचे दबे व्यक्ति का कोई अंग कुचला न जाए।

एक तरफ समय निकलता जा रहा था और व्यक्ति के परिजनों की चिंताए बढ रही थी. दूसरी और ट्रैक्टर के नीचे दबे व्यक्ति के लिए एक-एक सैकेंड भारी पड़ रहे थे। अचानक धीरे धीरे टैक्ट्रर का सही जगह से उठाव शुरु हुआ।

इसके साथ ही आसपास शोर भी बढ़ता चला गया। जेसीबी चालक भी सामने खड़े लोगों के इशारों और हाथों को टकटकी लगाए देख रहा था। फिर वह वक्त आ ही गया जिसका सब इंतजार कर रहे थे।

जेसीबी ने ट्रैक्टर को कुछ फुट उठाया और लोगों ने दबे हुए व्यक्ति को हाथ से पकड़ कर बाहर खींच लिया। बाहर निकले व्यक्ति के हावभाव को देखकर कोई नही कह सकता था कि यह शख्स कुछ देर पहले ट्रैक्टर के नीचे दबा हुआ जीवन और मौत के बीच संर्घष कर रहा था।

देखें यह वीडियो:

https://youtu.be/6n8PcKIQrVI

आसमान में दिखा रहस्यमयी शहर, UFO साइंटिस्ट ने कहा, एलियंस कर रहे रेकी!

रहस्यमयी शहरआसमान में दूसरे ग्रह के प्राणियों यानि ‘एलियंस’ और उड़न-तश्तरियों यानि UFO (Unidentified Flying Objects) को देखे जाने की हमने बहुत सारी बातें सुनी हैं. लेकिन यह कुछ ऐसा है जो शायद ही पहले कहीं देखा या सुना गया है.

जी हाँ, एक रहस्यमयी शहर को आसमान में बादलों के बीच देखा गया है. यह केवल बादलों के बीच बनने वाली कुछ अजीबो-गरीब आकृतियाँ नहीं बल्कि साफ़ तौर पर नज़र आ रही गगनचुंबी इमारतें हैं जो दिन में नज़र आईं हैं. यह बहुत ही विचित्र और हैरान करने वाला और रहस्यमयी है.

यह रहस्यमयी और तैरता हुआ शहर चीन के हुनान प्रान्त के युएयंग शहर में इस साल के शुरू में देखा गया था. आसमान में बादल छाए हुए थे, इनसे छनकर सूरज की हल्की रोशनी जमीन पर पड़ रही थी। मौसम सुहाना था और लोग झील के किनारे मौज-मस्ती करने पहुंचे थे। तभी आसमान में यह तैरता हुआ शहर प्रकट हुआ जिसे देख कर लोगों के होश उड़ गये.

लोग अपने-2 मोबाइल फ़ोन निकाल कर फोटो और वीडिओ बनने लगे. ऐसी ही एक वीडिओ इस साल के शुरू में secureteam नाम के यूट्यूब चैनल ने एक वीडियो पोस्ट की थी जो नीचे दी गयी है.

पिछले दो सालों में चीन में ऐसी दो घटनाएँ हो चुकी है। इससे पहले ऐसा ही एक वाकया चीन के क्वांग-डांग प्रान्त के फुशेन में भी देखा गया था. यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका के न्यूयॉर्क, कैलिफॉर्निया शहरों में भी आसमान में तैरता शहर देखा जा चुका है।

कुछ लोग इसे Mirage यानि ऑप्टिकल इल्यूजन का नाम देते हैं. लोग कहते हैं कि ऐसा दृष्टि भ्रम के कारण हुआ। विज्ञान की भाषा में इस phenomina को फाटा मोरगाना कहते हैं।

फाटा मोरगाना के मामलों में किसी आकृति के प्रतिबिम्ब से अन्य आकृति बनती है लेकिन इस मामले में ऐसा संभव नहीं था क्योंकि असली शहर में को भी गगनचुंबी इमारत नहीं है. (देखें युएयंग शहर का चित्र)

वहीँ एलियंस चेजर Mr. Warning के अनुसार, एलियंस चीन के धुंध-भरे वातावरण का फायदा उठा कर मानव के उपर रिसर्च को अंजाम दे रहे हैं. यहाँ का धुंधला वातावरण और घनी जनसँख्या इसके लिए उपयुक्त है. गौरतलब है कि युएयंग की जनसँख्या 50 लाख से ऊपर है.

दूसरे यह प्रभाव ऐसी सतहों पर नज़र आता है जहाँ प्रतिबिम्ब बनने के लिए उपयुक्त सतह और तापमान मौजूद हो, जैसे कि पानी या धरती की समतल सतह. आसमान में बादलों के बीच ऐसा प्रभाव पैदा होने की सम्भावना पहले कभी देखी गयी थी.

वैज्ञानिक हालंकि इस घटना को सामान्य घटना मानते हैं लेकिन उनके पास भी इसे प्रमाणित करने के लिए कोई सबूत नहीं है. वहीँ कुछ लोग इसे चीन के होलोग्राम प्रयोग के कारण हुई घटना मानते हैं.

देखें वीडिओ:

पिछले 20 सालों से पानी में रह रही है यह औरत, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान!

पटुरानी शाहपश्चिमी बंगाल के वर्धमान में एक औरत पिछले 20 साल से पानी में रह रही है. उम्र के इस पड़ाव पर अधिकतर औरतें जहाँ अपने परिवार के साथ रहना चाहती हैं वहीँ यह औरत पानी में अपनी जिन्दगी गुजार रही है.

पटुरानी शाह नाम की यह महिला पहले मुर्शिदाबाद में रहती थी लेकिन ससुराल में कोई परिवार न होने के कारण यह अब वर्धमान के खरत्वा गाँव में अपनी बेटी के पास रहती है. बेटी मिथुन के अनुसार वह महीने में दो बार चावल खाती हैं लेकिन मन करे तो और खाना भी खा लेती है.

मिथुन के अनुसार भूख न लगने के कारण वह काफी कम खाती हैं और शौच भी नहीं जाती. बेटी के अनुसार उसकी माँ को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और उनका मन घबराने लगता है जिसकी वजह से वह पानी में रहती हैं.

पटुरानी को लगता है कि पानी में रहने से ना कोई बुखार होता है ना ही सर्दी-जुकाम होता है और ना ही और कोई भी बीमारी होती है.

वहीँ स्थानीय डॉक्टर तापस सरकार का कहना है कि पटुरानी मानसिक रूप से बीमार हैं और इन्हें इलाज की जरूरत है. समय आने पर उनका उचित इलाज किया जायेगा.

देखें वीडियो:

‘मेडिकल वर्सेज इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स’ फनी वीडियो youtube पर वायरल

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यूट्यूब पर २ दिन पहले अपलोड हुई “मेडिकल वर्सेज इंजीनियरिंग लाइफ” की फनी वीडियो ट्रेंडिंग में तीसरे नंबर पर है. अब तक 1,705,179 लोग इसे देख चुके है. इस वीडियो में मेडिकल लाइफ और इंजीनियरिंग लाइफ के बारे में बताया गया है.

मेडिकल के स्टूडेंट्स अपनी पढाई को लेकर इतने सीरियस होते है की परीक्षा से 2 महीने पहले भी उन्हें लगता है के तयारी के लिए बहुत कम टाइम रह गया और दूसरी तरफ इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स परीक्षा के एक दिन पहले भी इतने मस्त रहते है के वह परीक्षा से सर्फ एक घंटा पहले पढ़ कर ही परीक्षा देने चले जाते है.

मेडिकल की क्लास में सभी बच्चे हाज़िर होते है जब की इंजीनियरिंग की क्लास में कभी कभी स्टूडेंट्स अपने दोस्तौं की ही प्रॉक्सी लगवाते रहते है जो की क्लास में होते ही नही.

मेडिकल के स्टूडेंट्स में यूनिटी कम होती है, जब के इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स में यूनिटी बहुत होती है. एक बार मास बंक करने का तय कर लिया उसके बाद कोई भी क्लास में नही जाता बल्कि यह तो कॉलेज से भी बाहर घुमने चले जाते है. 😛

लड़ाई के मामले में मेडिकल के स्टूडेंट्स डरपोक होते है, जबकी इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स किसी से नही डरते. इन्हें या इनके किसी दोस्त को कोई कुछ कह के तो देखे, बस फिर ये इंजीनीयर्स नही देखते के सामने कौन है और कौन नही सभी की धुलाई कर देते है.

अगर बात पढाई की करें तो मेडिकल स्टूडेंट्स दिन रात पढ़ते रहते है, लेकिन दुसरौं को ऐसे दिखाते है जैसे अभी पढ़ना शुरू भी नही किया हो. और दूसरी तरफ इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स इतने टेंशन फ्री होते है की आधी रात तक फ़ोन पे गेम्स खेलते रहते हैं, मूवीज देखते है या दोस्तौं के साथ गप्पें मारते रहते है, इन्हें तो यह भी नहीं पता होता कि सुबह पेपर कौन सा है 😀

एग्ज़ाम के टाइम मेडिकल और इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स का पेपर करने का स्टाइल आप खुद नीचे दी हुई वीडियो में देख कर आनंद लें. 🙂

प्लेसमेंट के बाद मेडिकल के स्टूडेंट्स सिर्फ डोक्टर ही बनते है कोई किसी में स्पेशलिस्ट तो कोई किसी में. लेकिन सिर्क इंजीनीयर्स में ही कुछ भी बन ने का टैलेंट होता है. कोई डिफेन्स (Defence) में जाता है तो कोई आर्मी (Army) में. कोई बड़ा स्टार(STAR) बन जाता है तो कोई बड़ा Business Man.

 

‘जब हैरी मैट.. का ‘हवाएं’ गाना रिलीज, हर 15 मिनट में देख रहे 40 हज़ार लोग!

इम्तियाज अली की आने वाली फिल्म ‘जब हैरी मैट सेजल’ का गाना ‘हवाएं’ रिलीज हो गया है। इस नए गाने में शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा के बीच होने वाले रोमांस की जबरदस्त कैमेस्ट्री देखने को मिल रही है। गाने को अरिजीत सिंह ने अपनी मधुर आवाज दी है।

गाना रिलीज होने के महज 15 मिनट के अंदर ही 25 हजार से ज्यादा लोगों ने देख लिया। अब तक इस गाने को लगभग तीन लाख लोग देख चुके हैं. हर 15 मिनट में लगभग 40 हज़ार लोग देख रहे हैं.

“हवाएं’” गाना इस फिल्म का चौथा गाना है. इससे पहले इस फिल्म के तीन गाने, “बटरफ्लाई”, “राधा” और ‘बीच-बीच में’ रिलीज़ हो चुके हैं और काफी पसंद किये गये हैं.

‘हवाएं’ एक लव सॉन्ग है। इस गाने में हैरी और सेजल के रिश्ते की झलकियां दिखने को मिल रहीं है।

गाने की रिलीज से पहले इस गाने की तस्वीरें भी शेयर की गई थी। इससे पहले अहमदाबाद में हजारों लोगों के बीच फिल्म का पहला गाना ‘राधा’ लॉन्च किया गया था।

इम्तियाज अली के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ 4 अगस्त 2017 को देशभर में रिलीज होगी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा, कहा- विकास के लिए BJP से परहेज नहीं!

उन्होंने बिहार में अपने विकास कार्यों की भी याद दिलाई। कहा, शराबबंदी लागू की। सड़क-पुलिया आदि का निर्माण कराया। लेकिन अब काम करने का माहौल नहीं रह गया था और केवल इसी (महागठबंधन में दरार) की चर्चा हो रही थी।

जेडीयू विधायकों के साथ बैठक करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश के इस्तीफे के बाद बिहार के राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। नीतीश के इस्तीफे के साथ ही महागठबंधन टूट गया है।

नीतीश कुमार ने बिहार के राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद कहा, अंतर आत्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया। अब काम करने का माहौल नहीं रह गया था। हमने गठबंधन धर्म का पालन किया और 20 महीने तक गठबंधन और सरकार चलाई। चुनाव में जनता से जो वादे किए, उस कसौटी पर काम किया लेकिन अब केवल गठबंधन में दरार की ही चर्चा हो रही थी।

उन्होंने गठबंधन और इस्तीफे का ठीकरा लालू प्रसाद पर फोड़ते हुए कहा, हमने कोशिश की। उनसे आरोपों पर जनता के बीच सफाई देने को कहा। जितना संभव हुआ गठबंधन बनाए रखने की कोशिश की। दिल्ली में राहुल गांधी से भी मिले।

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रेलवे के खाने में छिपकली, प्रभु लाएगें नई पॉलिसी

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कैग ने रिपोर्ट जारी की थी कि रेलवे का खाना खाने लायक नहीं है जिस पर काफी बवाल मचा था। जिसके बाद कल दिल्ली से कोलकाता आ रही पूर्वा एक्सप्रेस में एक यात्री के खाने में छिपकली मिली।

रेलवे के खाने के बारे में जारी की गई नियंत्रक एवं लेखा परीक्षक (CAG) की रिपाेर्ट पर काफी बवाल मचा था। अभी ये विवाद थमा नहीं था कि दिल्ली से कोलकाता जा रही पूर्वा एक्सप्रेस में एक यात्री के खाने में छिपकली मिली| तभी यात्री ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को टैग कर फोटो ट्वीट किया। मीडिया रिपोर्टस की मानें, तो यात्री ने खाने में वेज बिरयानी ऑर्डर की थी. रेलवे ने इसके बाद 48 घंटे का नोटिस दिया था, जिसके बाद पूर्वा एक्सप्रेस के केटरिंग कॉन्ट्रेक्ट को बर्खास्त कर दिया है. 2016 में इनपर 10 लाख का जुर्माना लगा था जबकि 2017 में 7.5 लाख रुपये का जुर्माना लगा, जिसके बाद अब इस कैटरिंग कंपनी को बर्खास्त कर दिया गया है.

भारतीय रेलवे की कैटरिंग सर्विस पर कैग की ऑडिट रिपोर्ट शुक्रवार को संसद में रखी जानी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि रेलवे स्टेशनों पर जो खाने-पीने की चीजें मिलती है, वो यात्रियौं के खाने लायक ही नहीं होती|

डिब्बाबंद और बोतलबंद चीजों को एक्सपायरी डेट के बावजूद भी बेचते रहते है। इसके अलावा ट्रेन में बिक रही चीजों के बिल न दिए जाने और फूड क्वॉलिटी में कई खामियों की भी शिकायतें हैं. सीएजी और रेलवे की ज्वाइंट टीम ने 74 स्टेशनों और 80 ट्रेनों का मुआयना करने के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया है. इस घटना के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस मामले पर लोकसभा में आज बयान देते हुए कहा कि दोषी ठेकेदार को हटा दिया गया है. जल्द ही सरकार रेलवे के लिए नई कैटरिंग पॉलिसी लाएगी.

उत्तराखंड में म‌िली डेढ़ सौ क‌िलो की मछली, फोटो हुआ वायरल तो मचा हंगामा

वैसे तो समुद्र में भारी से भारी मछलियाँ पाई जाती हैं. लेकिन भारत की कुछेक नदियों को छोड़ दिया जाए तो यहाँ ज्यादा भारी मछलियाँ नहीं मिलती. उस पर उत्तराखंड की एक छोटी सी नदी में 150 किलो की मछली मिलना बहुत ही हैरानी भरा है.

अल्मोड़ा के सल्ट ब्लाक के अंर्तगत इनोलो गांव के समीप रामगंगा नदी बहती है। नदी में संरक्षित प्रजाति की गोल्डन महाशीर, गौंछ सहित अनेक प्रजातियों की मछलियां पाई जाती हैं।

रामगंगा नदी में संरक्षित भारी गौंछ मछली के पकड़े जाने पर कोहराम मच गया।  मछली तकरीबन छह फुट लंबी व डेढ सौ किलो तक वजनी थी। सोशल मीडिया में ‘पहाड़ी व्हेल’ के नाम से जानी जाने वाली लुप्त-प्राय मछली को बांस के लट्ठे पर बांध कर ले जाती दिख रही फोटो वायरल हो गयी।

रामगंगा में मिली भारी मछलीबताया जा रहा है कि पकड़ी गई मछली एक क्विंटल से ज्यादा थी। मछली का मांस का कुछ हिस्सा ग्रामीणों में ही बांट दिया जबकि बची मछली का मांस बाजार में बेच दिया गया। फोटो के वायरल होने पर वन-विभाग हरकत में आ गया.

बता दें क‌ि, गौंछ या गूंज मछली शेड्यूल-वन की विशालकाय लुप्तप्रा:य मछली है। करीब 150 किलो वजनी यह मछली उत्तरी हिमालय के उत्तराखंड व नेपाल की पर्वतीय नदियों में पाई जाती है।

गंगा और सहायक नदियों में मिलती है ये प्रजाति 

विशेषज्ञों के मुताबिक गौंछ संरक्षित प्रजाति की मछली है। इसका वैज्ञानिक नाम बैगरियस है। गंगा और उसकी सहायक नदियों में यह प्रजाति पाई जाती है। यह भारीभरकम मछली डाॅल्फिन की जैसी दिखाई पड़ती है।

कार्बेट से गुजरती है रामगंगा नदी

रामगंगा नदी पहाड़ों से निकलकर कार्बेट नेशनल पार्क के बीच से गुजरती है। रामगंगा में बाघ, हाथी सहित तमाम वन्यजीव, जंतु, परिंदे पानी और भोजन के लिए निर्भर रहते हैं। कुछ साल पहले तक यहां महाशीर संरक्षण को लेकर तमाम प्रयास किए गए थे।  लेकिन संरक्षण योजना बंद हुई तो शिकार में तेजी आ गई।

सल्ट विकासखंड में अफसरों की उदासीनता की वजह से बड़े पैमाने पर मछलियों का शिकार होता रहा है। संरक्षित प्रजाति की मछलियों के शिकार पर कानूनन रोक है।

घर में शौचालय न होने का बड़ा नुकसान, जवान बेटी की गई जान

आए दिन टीवी, रेडियो और अखबारों पर ‘जहाँ सोच वहाँ शौचालय’, ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और ऐसे ही ढेरों विज्ञापन देखने को मिल जाते हैं. लेकिन हकीकत यह है कि देश के अधिकतर भागों में प्रशासन इस  बारे में बेहद उदासीन और लापरवाह है. इसका उदाहरण है यह गाँव जहाँ एक भी शौचालय नहीं है और दो महीने से ज्यादा समय पहले दी गयी अर्जी पर कोई अमल नहीं हुआ जिससे परिणामस्वरूप एक होनहार बेटी को जान से हाथ धोना पड़ा.

आगरा के मैनपुरी में थाना बरनाहल क्षेत्र के गांव नौरंगाबाद निवासी छात्रा की सांप के डंसने के बाद मौत हो गई। छात्रा मंगलवार सुबह शौच के लिए खेतों की ओर गई थी। इसी दौरान सांप ने डंस लिया। लोगों का कहना है कि अगर घर में शौचालय होता तो शायद बिटिया की जान नहीं जाती।

खबर के मुताबिक बीए फाइनल की छात्रा जयललिता (18) पुत्री देवेंद्र सिंह नत्थू सिंह डिग्री कालेज में पढ़ रही थी। मंगलवार सुबह शौच के लिए वह खेतों की ओर गई. वापस लौटते समय रास्ते में उसे जहरीले सांप ने डंस लिया। कुछ ही देर में वह तड़पते हुए बेहोश हो गई। जयललिता को तुरंत सैफई के अस्तपाल ले जाया गया लेकिन देर हो चुकी थी।

पढाई में तेज और कुछ बनने का सपना रखने वाली जयललिता की मौत के बाद उसके घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। जवान बेटी की मौत के गम ने पिता देवेंद्र को तोड़कर रख दिया है। उनका कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह इतना खर्च करके शौचालय का निर्माण करा सकें। मृतका चार भाई बहनों में तीसरे नंबर की थी।

दुःख से बेहाल पिता का कहना था कि दो महीने पहले उन्होंने शौचालय के लिए आवेदन किया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। गांव में कोई शौचालय नहीं है। कुछेक लोगों ने निजी खर्च से शौचालय निर्माण करा लिया है। मगर उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।

(मुख्य चित्र सांकेतिक है)