“एंट मिल” दुनिया का एक दुर्लभतम फंडा यानि phenomina है. इसमें लाखों चींटियां एक सर्किल में घूमने लगती हैं और अंततः बहुत बड़ी ट्रेजेडी का शिकार हो जाती हैं.
हम सभी जानते हैं कि, कीट विज्ञान के अनुसार, लगभग सभी चींटियाँ एक निश्चित मार्ग पर चलती हैं. यह मार्ग उनकी दृष्टि और गंध पर आधारित होता है. लेकिन कुछ ऐसी भी चींटियाँ होती हैं जो केवल गंध पर निर्भर होती हैं, क्योकिं ये पूरी तरह से अंधी होती हैं.
दक्षिणी अमेरिका में पाई जाने वाली जिन चींटियों के बारे में हम चर्चा कर रहे हैं यह चीटियाँ पूरी तरह से अंधी होती हैं. यह लगभग 2 लाख के झुंड में शिकार करती हैं और प्रतिदिन 1 लाख जीवों का शिकार करने में माहिर होती हैं.
चूंकि ये चींटियाँ एक दूसरे की गंध पर आधारित मार्ग पर चलती हैं, रास्ते से भटकने या गलती करने की सम्भावना लगभग शून्य होती है. लेकिन जब भी ये गलती करती हैं यह गलती बहुत ही भयंकर और प्राणघातक सिद्ध होती है.
गंध पर आधारित रास्ते पर चलने के कारण रास्ते में हल्का सा भटकाव इन्हें एक ऐसे अंतहीन चक्रव्यूह में फंसा देता है जिसका परिणाम केवल मौत ही होता है. अन्दर की और बनने वाला एक घुमावदार चक्र इन्हें एक ऐसे रास्ते पर चलने को मजबूर कर देता है जो इन्हें और अधिक अन्दर की और ले जाता है और अंत में इन्हें इतना थका देता है कि यह एक अंतहीन सफ़र में फंस कर रह जाती हैं और अंततः इनकी मौत हो जाती है.
अंधी होने के कारण इन्हें चक्राकार रास्ते पर चलने का अनुमान नहीं हो पाता है. आखिरकार एक ही रास्ते में हज़ारों चीटियाँ एक साथ चलने लगती हैं और थकान, कुचलने, भगदड़ और रगड़ से इनकी मौत होने लगती है.
अब तक की सभी बड़ी एंट मिल 1200 फुट के व्यास की है जिसमें हर एक चींटी को एक चक्कर काटने में अढ़ाई घंटे लगे थे.
इस दिल दहला देने वाले वीडियो में चलते हुए एक बच्चा ऑटो रिक्शा से हैवी ट्रैफिक वाली सड़क पर गिर गया और पीछे से आती हुई तेज रफ़्तार कार के आगे आ गया. आगे क्या हुआ यह होश उड़ा देने वाला था. यह वाकया रोड क्रासिंग पर लगे सिक्योरिटी कैमरा में रिकॉर्ड हो गया.
घटना 23 अप्रैल, 2017, रविवार की है. दक्षिणी चीन के जिएयांग (Jieyang) में एक औरत अपने लगभग एक साल के बच्चे और अपनी एक रिश्तेदार के साथ ट्राईसाइकिल रिक्शा पर जा रही थी. रिक्शा ड्राईवर ने हल्का सा मोड़ काटा और बच्चा रिक्शा से मल्टीलेन सड़क पर औंधे मुंह गिर पड़ा. पीछे से आती हुई कार ने उसे लगभग कुचल ही दिया.
किस्मत से बच्चा कार के अगले पहिये के नीचे आने से बाल-बाल बच गया. और गनीमत देखिये कि सेडान ड्राईवर ने ठीक समय पर ब्रेक लगा ली वर्ना वह पिछले टायर के नीचे भी आ सकता था.
कार के पहिये की साइड से टकराने से बच्चे को सिर और बाजू में काफी चोटें लगी. उसे तुरंत नजदीक के हॉस्पिटल में ले जाया गया. चूंकि चोटें ज्यादा गंभीर नहीं थी बच्चे की जान सही सलामत बच गयी. वैसे सन्डे होने के कारण रोड़ पर ट्रैफिक ज्यादा नहीं था वर्ना कुछ भी हो सकता था.
सवाल यह उठता है कि क्या माँ ने बच्चे को पकड़ भी रखा था? या वह अपनी रिश्तेदार महिला से बातों में इतनी मशरूफ थी कि उसे बच्चे का ध्यान ही नहीं रहा और बच्चे की जान पर बन आई. जो भी हो यह बच्चा भाग्यशाली था जिसने निश्चित मौत को मात दे दी.
FROZEN BEAUTY के पिछले लेख में हमने ताईवान की एक 63 वर्षीय महिला और उसकी 40 वर्षीय बेटियों के बारे में चर्चा की थी कि कैसे इन्होंने उम्र को धोखा दिया. (पढ़ें)
अब इस लेख में हम एक ऐसी ही FROZEN BEAUTY के बारे में बात करेंगे. उम्र को धोखा देने वाली इस FROZEN BEAUTY का नाम है लिऊ जिओकिंग जो एक चीनी अभिनेत्री हैं. इस सुन्दरी का जन्म 1955 में हुआ था. लेकिन इन्हें देखकर हरगिज़ नहीं लगता कि अब वह 62 वर्ष की हैं. (देखें नीचे)
इस अभिनेत्री के अनुसार इन्होने कभी प्लास्टिक सर्जरी नहीं करवाई है. यानि कि इनकी ब्यूटी नेचुरल है.
लिऊ 1980 के दशक में चीनी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री रही हैं. 1999 में वह फोर्ब्स पत्रिका में 50 सबसे अमीर चीनी बिज़नस मैन और वुमेन की लिस्ट का हिस्सा रही हैं.
वैसे एशियाई महिलायें शुरू से ही उम्र से कम दिखने वाली महिलायों शुमार रही हैं. वैसे लिऊ का मशहूर अभिनेत्री और सफल बिज़नस वुमेन होना इस लिस्ट में आने का मुख्य कारण माना जा सकता है.
वैंकेया नायडू देश के 13वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। नायडू ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को हराया। वैंकेया नायडू को 516 वोट मिले, तो गोपालकृष्ण गांधी को 244 मिले। वैंकेया नायडू ने गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया। प्रधानमंत्री मोदी ने वैंकेया नायडू को बधाई दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी में वैंकेया नायडू के साथ काम करने वाले दिनों को याद करते हुए कहा कि वैंकेया नायडू देश को आगे ले जाएंगे। हमें सहयोग मिलता रहेगा।
यदि आपको लगता है कि आपका बॉस ही सबसे खडूस और जुल्मी है तो यह वीडियो आप जरूर देखना चाहेंगे, जिसमें एक युवक और युवती टॉयलेट का पानी पीते नज़र आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रही है जिसमें दो ऑफिस कर्मी टॉयलेट के फ्लश से निकलने वाले पानी को गिलास में भरकर पी रहे हैं। वीडियो के साथ दी गयी जानकारी के मुताबिक उन्हें यह सजा इसलिए दी गई क्योंकि वे अपना टारगेट पूरा करने से चूक गए थे।
दोनों ने अपने गले में कंपनी का आईडी कार्ड भी पहन रखा है जिससे पता चलता है कि यह वीडियो उनके दफ्तर की ही है। यह घटना चीन की एक कंपनी के ऑफिस में घटी।
मामला तब सामने आया जब पीड़िता युवती को डायरिया यानि दस्त होने पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. खबरों के मुताबिक वह कुछ खा भी नहीं पा रही। उसकी इस हालत को देखते हुए उसके एक सहकर्मी ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दी.
हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके नाम को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जिस शख्स ने इस वीडियो को बनाया और सोशल मीडिया पर ‘लीक’ किया उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। देखें इस घटना से जुड़ी वीडियो:
मनुष्य सदियों से हर शोध का मुख्य विषय रहा है. मानव से जुड़े हर पहलु की गहन खोजबीन में वैज्ञानिक पड़े रहते हैं. इन खोजों के दौरान मानव और मानव स्वभाव से सम्बंधित बहुत ही दिलचस्प और कभी-२ हैरत-अंगेज तथ्य सामने आते हैं. वहीँ कुछ तथ्य बहुत ही अजीब और हास्यकर होते हैं जिनपर विश्वास करना मुश्किल होता है.
मानव स्वभाव के बारे में कुछ ऐसे ही मिलेजुले 10 दिलचस्प वैज्ञानिक तथ्य हम इस लेख के माध्यम से अपने पाठकों के लिए लेकर आये हैं. हम आशा करते हैं कि इन तथ्यों को जानकार आप मानव स्वभाव को बेहतर तरीके से समझ पाओगे.
तो आईये देखते हैं क्या हैं ये 10 तथ्य:
मनोविज्ञान के अनुसार झूठ बोलने के लिए बहुत सारे मानसिक प्रयास (mental effort) की जरूरत होती है. झूठ बोलने के लिए हमारे दिमाग को बहुत सारे छोटे-बड़े मानसिक कार्य करने पड़ते हैं. इसीलिए झूठ बोलने वाले व्यक्ति हमेशा छोटे वाक्य का उपयोग करते हैं क्योंकि उनको झूठ बोलने के लिए बड़े-2 वाक्य के संयोजन(combination) और इस्तेमाल करने में मुश्किल आती है.
ड्यूटी या अपने जॉब पर काम करते समय यदि व्यक्ति की निगरानी (monitoring) की जाए यानि उन्हें पता हो कि उनकी निगरानी की जा रही है तो वह बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं. आखिर हम सभी बेहतर ही दिखना चाहते हैं न!
किसी की आकर्षक और आरामदायक उपस्थिति आपको आसानी से गुमराह कर सकती है. अच्छे दिखने वाले लोगों पर विश्वास करने का रुझान होता है. लेकिन दुर्भाग्य से कई बार हम इस रुझान से धोखा खा लेते हैं. चाहे अच्छा दिखने वाला इंसान झूठा भी हो फिर भी आप उस पर विश्वास करने लगते हैं.
मनुष्य वास्तव में दो कामों को एक समय में नहीं कर सकता. हम सब कई बार दो कामों को एक समय पर करने की कोशिश (multi-tasking) करते हैं और अपने आप को मल्टीटास्कर कहते हैं. लेकिन सच्चाई यही है कि हम दो कामों को एक ही समय पर सही से नहीं कर सकते. हमारा दिमाग एक समय पर एक ही काम पर अपना ध्यान फोकस कर सकता है.
कॉर्नेल विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने मानव के स्वभाव पर हैरान कर देने वाले तथ्य खोजे हैं. उनके अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल फोन पर की गयी 37 प्रतिशत बातचीत झूठ पर आधारित होती है. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक फेस टू फेस बातचीत ज्यादा सच्ची होती है.
शोध के अनुसार आप ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट तक अपना ध्यान एक जगह तक केन्द्रित कर सकते हैं. अगर आप यह सोचते हैं कि आप अपना ध्यान एक जगह केन्द्रित करने में बहुत माहिर हैं, तो आप गलत हैं.
शोध के अनुसार ज्यादातर वोट उसी उम्मीदवार (candidate) को मिलते हैं जो वोटिंग लिस्ट में सबसे ऊपर होता है. वोटिंग मशीन में जिसका नाम सबसे पहले नंबर पर होता है, उसके जीतने की संभावना बाकी प्रत्याशियों से ज्यादा होती है. शोध की मानें तो मानव का स्वभाव ही ऐसा होता है जिसमें वह पहले नंबर की तरफ ज्यादा आकर्षित होता है.
जिन लोगों में कम आत्मविश्वास होता है वह दूसरे लोगों को भी कम आंकने लग जाते हैं. कम आत्मविश्वास वाले लोग दूसरों को भी नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. वह अपनी असफलताओं की वजह दूसरों को बताते हैं.
आपके बैठने वाली जगह आपके स्वभाव को भी नियंत्रित करती है. अगर आप एक कठोर जगह वाली कुर्सी पर बैठे हैं, तो आपका स्वभाव भी कठोर हो जायेगा. आपका कठोर स्वभाव आपके रिश्तों में भी जटिलता पैदा कर सकता है.
गुस्से और जल्दबाजी में लिए गये फैसले आपको हमेशा परेशानी में डालते हैं. हम कई बार अपने फैसले जल्दबाजी में कर लेते हैं जिसके बाद हमें पछतावा होता है.
अपने संजीदा अभिनय के लिए मशहूर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की आने वाली फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज‘ पर सेंसर बोर्ड की कैंची जैम कर चली है. फिल्म में 48 कट लगे हैं। खबर के अनुसार सेंसर बोर्ड के एक सदस्य ने फिल्म की प्रोड्यूसर किरण श्रॉफ से यहाँ तक कह डाला कि “वो महिला कैसे हो सकती है जो जींस और टी शर्ट पहनती है।”
अमर उजाला में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, इस प्रकरण को को लेकर नवाजुद्दीन ने मीडिया से बातचीत की। नवाजुद्दीन के मुताबिक, “मुझे मुझे डायरेक्टर से पूछना पड़ेगा कि 48 कट हैं या नहीं. मेरे हिसाब से तो यह बहुत ज्यादा हैं. हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि ‘A’ सर्टिफिकेट मिल ही रहा है तो उसमें ज्यादा कट न हों. उसके बावजूद भी 48 कट हैं तो मैं नहीं जानता।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अपने डायरेक्टर से बात करूंगा। मुझे तो अभी पता चला है लेकिन अगर ऐसा कर हैं तो फिल्म ही खत्म हो जाएगी पूरी… पिक्चर कहां से बचेगी?”
नवाजुद्दीन से पूछा गया कि क्या आप इससे निराश हैं? इस पर उन्होंने कहा, “हां बिल्कुल थोड़ा अफसोस तो हो ही रहा है। देखते हैं बात करनी पड़ेगी मुझे कि क्या है।”
आपको बता दें कि इससे पहले एकता कपूर की फिल्म ‘लिप्सटिक अंडर माय बुर्का’ के लिए भी सेंसर बोर्ड का यही रवैया था। इसके साथ ही फिल्म की बिजनेस पार्टनर किरण श्रॉफ के साथ भी सेंसर का हैरान कर देने वाला रवैया सामने आया है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बताया जा रहा है कि सेंसर बोर्ड की सीनियर मेंबर्स ने किरण से कहा, “महिला होकर आप ऐसे सबजेक्ट पर फिल्म कैसे बना सकती हो?”
इतना ही नहीं बोर्ड के एक और मेंबर ने उनका समर्थन करते हुए यहां तक कहा, “वो महिला कैसे हो सकती हैं अगर वो जींस और टी शर्ट पहनती हैं?” बताया जा रहा है फिल्म को मिले 48 कटों के लिए मेकर्स जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
राजधानी दिल्ली के एक गाँव और इसके आसपास के इलाकों में इन दिनों एक अजीब सी दहशत का माहौल है. छावला के एक गांव में एक ही दिन में तीन महिलाओं की रहस्यमय तरीके से चोटी काटने की घटनाओं ने इलाके में खौफ पैदा कर दिया है. खौफ इस कदर है कि गांव की लड़कियों ने स्कूल जाना तक बंद कर दिया है.
ख़बरों के मुताबिक छावला के कांगनहेड़ी गांव की रहने वाली मुनेश खेत में ज्वार काटने गई थीं। उनके सिर में तेज दर्द हुआ और वह वापस अपने घर आ गईं। वह चक्कर आने की हालत में चारपाई पर लेट गईं। जब उनकी नींद खुली तो देखा कि फर्श पर बालों का गुच्छा पड़ा है।
रविवार रात गांव में दूसरी घटना हो गई। यहां की श्रीदेवी ने बताया कि वह प्लॉट पर काम कर रही थीं। उनके सिर में तेज दर्द हुआ। वह घर में आकर बिना किसी को बताए बिस्तर पर लेट गईं। जब नींद खुली तो उनकी चोटी भी फर्श पर पड़ी मिली।
हरियाणा के मेवात, गुड़गांव और झज्जर जिले के बाद अब दिल्ली में भी चोटी काटने की घटनाओं से लोगों की नींद उड़ी हुई है. कांगनहेड़ी गांव के कुछ लोग इसे चोटी काटने वाला ‘शैतान’ बता रहे हैं, तो कुछ इसे अनदेखी या भुतहा शक्तियों से जोड़कर देख रहे हैं.
गांव में एक के बाद एक हुई तीन चोटी काटने की घटनाओं से ग्रामीण सहमे हुए हैं और पुलिस और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
यह हाईटेक दौर है। चाहे सरकारी सेक्टर हो या प्राइवेट, हर क्षेत्र में ज्यादातर काम कंप्यूटर पर हो रहा है। टिकट बुकिंग से लेकर बिल बनाने तक हर काम कंप्यूटर पर हो रहे हैं. आज बड़ी संख्या में लोग अपना अधिकतर समय कंप्यूटर या मोबाइल पर बिताते हैं।
कंप्यूटर कई लोगों, खासकर आज की युवा पीढ़ी की आजीविका का प्रमुख माध्यम बन चुका है. हर क्षेत्र में डाटा एंट्री ऑपरेटर से लेकर सॉफ्टवेयर इंजिनियर तक के दर्जनों विभिन्न कंप्यूटर की जॉब लोग कर रहे हैं.
कंप्यूटर जहाँ हमारी कामों में और हमारे रोजगार में हमारी मदद कर रहा है वहीँ हमारे फिजिकल फिटनेस के लिए बुरा भी साबित हो रहा है. जाहिर है कि कंप्यूटर की जॉब करने के लिए इसके सामने बैठना पड़ता है. कंप्यूटर के सामने ज्यादा देर तक बैठने के कारण सर्वाइकल, आंखों की समस्याएं, पीठ और रीढ़ की हड्डी में दर्द, मांसपेशियों का कमजोर पड़ना, मोटापा, गैस और मानसिक तनाव जैसी अनचाही बीमारियाँ हमें घेर रही हैं.
चूंकि हम कंप्यूटर से काम करना बंद तो नहीं कर सकते लेकिन कुछ साधारण सी बातें हैं जिन्हें अपना कर इन बुरे प्रभावों से बच सकते हैं. यहाँ हम कुछ टिप्स दे रहे हैं जिन्हें अपना कर आप इन समस्याओं खास कर आँखों से सम्बंधित व्याधियों से बच सकते हैं. ये रहे कंप्यूटर की जॉब करने वालों के लिए कुछ खास टिप्स..
फॉन्ट बड़ा रखें
कंप्यूटर पर लिखने व पढ़ने वाला फॉन्ट यानि Text थोड़ा बड़ा रखें। बड़े फॉन्ट साइज से आंखों को पर ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ता। कैसे करें?
गहरे रंग के फॉन्ट
कंप्यूटर पर लिखते व पढ़ते समय गहरे रंग के फॉन्ट और हल्के रंग के बैक ग्राउंड से आँखें सहज रहती हैं और आँखों को आराम मिलता है।
पलके झपकाते रहें
कंप्यूटर पर काम करते समय, बीच-2 में आंखे जल्दी-2 झपकाएं। देर तक आँखें न झपकाने से आँखें सूख जाती हैं जिससे आँखों की ड्राईनेस की समस्या हो सकती है.
ब्राइटनेस यानि लाइट सामान्य हो
कंप्यूटर स्क्रीन में ब्राइटनेस और लाइट की चमक न कम हो न ज्यादा हो। ब्राइटनेस की वजह से भी आंखों में प्रेशर और कभी-2 सरदर्द भी होता है।
स्क्रीन से अलग देखें
काम करते समय हर 1 मिनट के बाद स्क्रीन से बाहर देखें। इससे आंखों की मांसपेशियां अपनी सामान्य स्थिति में आतीं हैं और इन्हें आराम मिलता है।
कमरे में उचित प्रकाश हो
कंप्यूटर पर काम करते समय कमरे में उचित प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए. कम रौशनी वाले कमरे में या अँधेरे में कंप्यूटर पर काम कभी न करें। रोशनी का स्रोत जैसे बल्ब ऐसी जगह हो जहाँ से लाइट सीधे आँखों पर न पड़ती हो।
झुककर न बैठे
कंप्यूटर पर काम करते समय बिल्कुल सीधे बैठना चाहिए। स्क्रीन आँखों के बिलकुल सीध में हो. झुककर बैठने से रीढ़ की हड्डी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
लगातार न बैठें
लगातार ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर नहीं बैठना चाहिए। हर 30 मिनट बाद उठकर चलना जरूरी है। एक आसान सा तरीका यह है कि पानी की बोतल कहीं दूसरे कोने में रखें ताकि प्यास लगने पर उठ कर जाना पड़े. ज्यादा पानी पियें. यह न केवल आपको और आपकी त्वचा को तरो-तजा रखेगा बल्कि आपको उठने पर भी मजबूर कर देगा. समझ गये न? 😉
एक्सरसाइज करते रहें
कुर्सी पर बैठे-बैठे थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करते रहें। बांहों और टांगो को स्ट्रेच करें, गर्दन को इधर-2 घुमाएँ, आँखों को गोल-2 घुमाएँ, मुहं में हवा भर का फुलाएं, मुठ्ठीयों को भींच कर खोलें और बंद करें और इस तरह की हल्की फुल्की एक्सरसाइज करते रहें. शुरू में आपके सहकर्मी आपको सनकी समझ सकते हैं लेकिन यकीन मानिए आपकी देखा-देखी में एक दिन वे भी इसे शुरू कर देंगे.
सुबह-शाम व्यायाम करें
कंप्यूटर की जॉब करने वाले व्यायाम करने की आदत बनायें. हो सके तो हफ्ते में 2-3 दिन जिम जाएँ. घर पर सूर्य-नमस्कार, प्राणायाम, योग-ध्यान आदि सहज क्रियाएं करें. यह न केवल आपके तन को स्फूर्ति और उर्जा देते हैं बल्कि आपके मन को भी शांत, एकाग्रचित और तनाव-रहित रखने में आपकी मदद करते हैं.
मौसम की जानकारी देने वाले रिपोर्टर्स की ज़िंदगी भी इतनी आसान नही होती. आयरलैंड के टीवी चैनल TV3 में काम करने वाले एक रिपोर्टर डेरिक को मौसम ने हिला के रख दिया. आयरलैंड के बदलते मौसम के बारे में डेरिक हार्टिगन शहर के एक हिस्से से मौसम की रिपोर्टिंग कर रहे थे.
पिछले कुछ दिनों से आयरलैंड का मौसम काफी अलग था. ठंडी हवाओं के बीच लोग इस मौसम का आनंद ले रहे थे. लेकिन तभी मौसम ने ऐसी पलटी मारी और तेज़ हवाएं चलने लगीं. अचानक तीव्र हवा ने डेरिक को धकेलना शुरु कर दिया और वह लड़खड़ा कर स्क्रीन के सामने से गायब हो गए.
अचानक हुई इस घटना से डेरिक हार्टिगन अपने आपको संभाल नहीं पाए और उनका संतरी रंग का छाता भी तेज हवाओं के बीच संघर्ष कर रहा था. थोड़ी देर बाद जब वो वापस आए, तो स्क्रीन पर आने के बाद अपने आप को संयम रखने की कोशिश करने लगे. लेकिन न्यूज़रुम में बैठे उनके साथी भी डेरिक के साथ हुई कलोल पर अपनी हंसी को रोक नहीं पाए.