21वीं सदी में लोगों ने जहाँ आसमान को छूती हुई इमारतें खड़ी की हैं वहीँ एक ऐसा अनोखा गाँव है जो पूरा का पूरा जमीन के नीचे बसा है! जी हाँ!अपने सही सुना. ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर से 846 किमी दूर बसा एक ऐसा अनोखा गाँव है जो जमीन के नीचे बसा है.
जमीन के नीचे बसे इस गांव का नाम कूबर पेडी है (Coober Pedy). 2011 की जनगणना के मुताबिक कूबर पेडी गांव की जनसंख्या 1,695 हैं. इस गांव की 60% जनसंख्या जमीन के नीचे बने आलीशान घरों में रहती हैं.
कैसे हुई शुरुआत?
इसकी शुरुआत 1915 में हुई थी जब यहाँ पहला ओपल यानि दुधिया पत्थर मिला. धीरे-धीरे यहाँ खनन का काम बढ़ा और आज भी यहाँ का मुख्य व्यवसाय ओपल का खनन ही है. पूरी दुनिया का 95% ओपल इसी गांव में पाया जाता है.
उस समय मजदूरों ने दिन की जला देने वाली गर्मी से बचने और आराम करने के लिए जमीन के नीचे बनी गुफाओं को “डगआउट” के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया. धीरे-2 यहाँ काम करने वाले लोगों ने जमीन पर घर बनाने के बजाए साथ की पहाड़ी को कुरेद कर घर बनाना शुरू किया. चूकिं यह स्थान रेगिस्तान में पड़ता है गर्मियों में बाहर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है.
सस्ता सौदा
यहाँ जमीन के भीतर एक तीन बैडरूम, लाउन्ज, किचन, बाथरूम वाला घर बनाने का खर्चा एक आम घर बनाने जितना ही है. लेकिन क्योंकि जमीन के अन्दर एसी की जरुरत नहीं पड़ती है और ह्यूमिडिटी भी कम रहती है यह जमीन के ऊपर घर बनने वाले घर के मुकाबले में ज्यादा फायदेमंद सौदा है.
जमीन के अंदर बने यह घर बहुत ही सुंदर होते है. इन घरों की बनावट बेहद खूबसूरत और तापमान के अनुसार बनाई गई है. कूबर पेडी में घर इस तरह से बनाए गए है कि यहाँ न तो गर्मियों में A.C को जरूरत पडती है और न ही सर्दियों में हीटर की.
कूबर पेडी जाकर आपको यहाँ म्यूज़ियम, होटल, पब और चर्च मिलेंगे. कूबर पेडी गाँव की इसी खासियत की वजह से यहाँ पर्यटकों का आना जाना लगा रहता हैं. यहां अब तक कई हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है.
ओपल पत्थर के उत्खनन के लिए मशहूर इस गांव को ‘Opal Capital of the World’ कहा जाता है. ओपल के बारे में हम आपको बता दे कि यह एक दूधिया रंग का पत्थर होता है और यह बहुत कीमती होता है.