Tuesday, December 3, 2024
16.8 C
Chandigarh

20 हिन्दू परम्पराओं के पीछे वैज्ञानिक कारण

भारत की 20 हिन्दू परम्पराओं के पीछे छिपे वैज्ञानिक कारण देखिए.

दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करना

combining-hands-to-greetवैज्ञानिक रूप से दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करने से आपकी उंगलियों के टिप्स आपस में जुड़ जाते हैं, जो आपके कानों, आँखों और दिमाग के प्रेशर पॉइंट होते हैं. जब आप दोनों हाथों से जोड़कर नमस्कार करते हैं, तो आपके प्रेशर पॉइंट सक्रिय हो जाते हैं. जिससे आप किसी व्यक्ति को लंबे समय तक याद रखते हैं.

भारत में औरतों का बिछिया (Toe Ring) पहनना

india-women-wear-bichia-toe-ringपैरों के अंगूठे में बिछिया (Toe Ring) पहनने का सिर्फ यह मतलब नहीं है कि औरत शादी शुदा है. इस बिछिये के पीछे एक वैज्ञानिक वजह भी है. बिछिया रक्त के प्रवाह को विनियमित करने में मदद करता है. चांदी का बिछिया धुर्वीय उर्जा को अवशोषित कर के शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है.

यह भी पढ़ें: सांपों से जुड़े रोचक और जानने योग्य तथ्य!

नदी में सिक्कों को फेंकना

dropping-coins-into-the-riverसाधारण तौर पर सिक्कों को नदी में फेंकना किस्मत के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन इसके पीछे एक वैज्ञानिक वजह भी है. प्राचीन समय में सिक्के कॉपर के होते थे और नदी के पानी को ही पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. जब कॉपर के सिक्कों को नदी में फेंका जाता था, तब इन सिक्कों से नदी के पानी में तांबा मिल जाता था. फिर यह पानी लोगों द्वारा पिया जाता था, जिससे उनके शरीर में तांबे का संतुलन बना रहता था.

माथे पर तिलक लगाना

scientific-reason-of-tilak-on-our-foreheadप्राचीन समय से ही माथे के दोनों भौंहों के बीच वाली जगह को तंत्रिका बिंदु के रूप में माना जाता रहा है. इस जगह पर लगाया जाने वाला तिलक शरीर की उर्जा को खराब होने से रोकता है और यह “कुमकुम” शरीर को एकाग्र बनाए रखने में सहायता करता है.

यह भी पढ़ें: कम वसा वाले 10 भोजन

हिंदू मंदिरों में घंटी होने की वजह

ringing-temples-bells-indian-traditionइस परम्परा के पीछे भी एक वैज्ञानिक वजह है, जब हम मंदिर के अंदर प्रवेश होने से पहले घंटी बजाते हैं, तब घंटी एक तेज़ और टिकाऊ ध्वनि पैदा करती है. तब घंटी की गूँज 7 सेकंड तक रहती है, जो हमारे शरीर के सात हीलिंग केन्द्रों को सक्रिय कर देती है. जिससे हमारे मस्तिष्क में सभी तरह के नकरात्मक ख्याल खत्म हो जाते हैं.

मसालेदार भोजन खाने के बाद मीठा खाने की परम्परा

sweet-dishe-after-spicy-foodइस प्राचीन प्रथा के पीछे भी एक वैज्ञानिक वजह है, मसालेदार भोजन पाचक रस और एसिड को सक्रिय करने का काम करता है. जिससे शरीर में भोजन को पचाने की प्रक्रिया अच्छी तरह से चलती है और उसके बाद मीठा खाने से बनने वाले कार्बोहाइड्रेट पचे हुए भोजन को नींचे खेंच लेते हैं.

यह भी पढ़ें: जानिये कब, कैसे और क्यों देखते है हम सपने !!!!

हिंदू धर्म में हाथ और पैरों पर मेहँदी लगाने की वजह

mehndi-designs-for-hands-and-feet-due-to-Hinduismशादी में लड़की का अपने पैरों और हाथों पर मेहँदी लगाने के पीछे एक बड़ी वजह है. जब शादी का दिन पास आता है, तो दुल्हे और दुल्हन पर शादी को लेकर परेशानी बढ़ती जाती है. लेकिन दुल्हन द्वारा हाथों और पैरों पर मेहँदी लगाने से दुल्हन की शादी को लेकर परेशानी कम हो जाती है.

जमीन पर बैठ कर खाना खाने की प्रथा

eating-sitting-on-ground-practiceजमीन पर बैठ कर भोजन करने की परम्परा के पीछे भी एक वैज्ञानिक वजह है. जब आप जमीन पर बैठते हैं, तब आपका शरीर शांत हो जाता है और आप में भोजन को पचाने की क्षमता में बढ़ौत्री होती है, जिससे स्वत: मस्तिष्क को संकेत जाता है कि शरीर भोजन को पचाने के लिए तैयार है.

यह भी पढ़ें: इंटरनेट के बारे में 10 दिलचस्प तथ्य!

उत्तर की तरफ सिर रख के ना सोना

sleeping-positions-north-south-sideहिंदू धर्म में उत्तर की तरफ सर कर के सोने को अशुभ माना जाता है. लेकिन इसके पीछे एक वैज्ञानिक वजह भी है. पृथ्वी की तरह हमारे शरीर में भी चुंबकीय क्षेत्र होता है, जब हम उत्तर की तरफ सर रख कर सोते हैं, तो हमारा चुंबकीय क्षेत्र विषम हो जाता है. जिससे हमारे शरीर को रक्त दबाव, सर दर्द, संज्ञानात्मक जैसी समस्यायों का सामना करना पढ़ता है.

कानों में छेद करना

ear-piercing-hindu-customकानों को बीधना भारत में बहुत समय से प्रचलित परम्परा है. लेकिन इसके पीछे एक वैज्ञानिक वजह भी है कानों को छेदने से हम में भाषण-सयम की भावना आती है. ऐसा करने से हम को धृष्ट व्यवहार और विकारों से मुक्ति मिलती है.

यह भी पढ़ें: किशोर कुमार के बारे में अजीबोगरीब तथ्य!

सूर्य नमस्कार

surya-namaskarहिन्दुओं में सूर्य नमस्कार की परम्परा बहुत प्राचीन समय से है. वैज्ञानिक रूप से देखा जाए, तो सूर्य नमस्कार करना हमारी आँखों के लिए अच्छा होता है और ऐसा करने से हमारे में एक सकरात्मक उर्जा आती है, जो हमको पूरे दिन शांत बनाये रखने में मददगार होती है.

पुरुष का सिर में चोटी रखना

shikha-choti-hindu-traditionसुशुरुत रिशी, जिनको आयुर्वेद के अग्रणी सर्जन भी कहा जाता था. उनका मानना था कि सर में सभी नसों का गठजोड़ होता है, जिसको अधिपति मरमा कहा जाता है और यह बनायी गयी चोटी इस जगह की रक्षा करती है.

यह भी पढ़ें: अब आईफोन चलेगा एंड्रॉयड पर!

उपवास रखना

fasting-diet-indian-customव्रत रखने का वर्णन आयुर्वेद में भी है. क्योंकि मनुष्य के शरीर में पृथ्वी की तरह 80 प्रतिशत पानी है और बाकी का हिस्सा पृथ्वी की तरह ठोस है. व्रत रखने से शरीर में विवेक को बनाए रखने की क्षमता आती है, जिससे शरीर में एसिड वाली सामग्री में कमी आती है.

चरण स्पर्श करना

touching-feet-indian-traditionआम तौर पर कोई व्यक्ति अपना सम्मान देने के लिए अपने से बढ़े या पवित्र इंसान के चरण स्पर्श करता है. हमारे शरीर की नसें हमारे मस्तिष्क से शुरू होकर हमारे पैरों पर खत्म होती हैं. जब हम अपने हाथ किसी व्यक्ति के पैरों को स्पर्श करते हैं, तब आपकी और उस व्यक्ति की उर्जा शक्ति आपस में जुड़ जाती है. इसका अर्थ उस व्यक्ति की उर्जा भी आपके शरीर में आ जाती है.

यह भी पढ़ें: प्रेरक महिलाएँ जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया

शादी-शुदा औरतों का अपने माथे पर सिंदूर लगाना

married-women-put-vermilion-on-her-foreheadसिंदूर हल्दी-चूने और पारा धातु के मिश्रण से बना होता है. जिसको सर पर लगाने से रक्त के दबाव में नियंत्रण आता है. सिंदूर में पाया जाने वाला पारा शरीर को दबाव और तनाव को मुक्त करने में मदद करता है.

पीपल के पेड़ की पूजा करना

Pipal-tree-worshipपीपल का पेड़ असल में किसी काम का नहीं होता, क्योंकि ना तो इस पर फल लगते हैं और न ही फूल लेकिन फिर भी इस पेड़ को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. लेकिन सभी पेड़ों में पीपल का पेड़ ही ऐसा है, जो 24 घंटे ऑक्सीजन को वायुमंडल में छोड़ता है. इसी वजह से इस पेड़ को बचाने के कारण हिंदू इस पेड़ को भगवान से जोड़ते हैं.

यह भी पढ़ें: भारतीयों द्वारा माने जाने वाले 10 अंधविश्वास और उनके पीछे संभावित तर्क!

तुलसी के पौदे को पूजना

worshiping-tulsi-plantहिंदू धर्म में तुलसी के पौदे को मां की तरह पूजा जाता है. इसके पीछे बहुत बढ़ी वैज्ञानिक वजह भी है. तुलसी कई बीमारियों का समाधान होने के साथ साथ यह चाय बनाने में भी इस्तेमाल की जाती है और घर में तुलसी का पौदा रखने से घर में मच्छर और कीड़े नहीं आते.

मूर्ती की पूजा करना

idol-worship-scientific-reason-hinduहिंदू धर्म में किसी भी धर्म से ज्यादा मूर्तियों को पूजा जाता है. शोधकर्ताओं का मानना है मूर्ती पूजा से प्राथना में एकाग्रता आती है. मनोचिकित्सकों का मानना है कि मनुष्य अपने सामने वाले व्यक्ति के अनुसार ही अपने विचार बदलता है. इसीलिए साइंस की मानें, तो मूर्ती पूजा से प्रार्थना में ध्यान बढ़ता है.

यह भी पढ़ें: भारत के बारे में 20 रोचक बातें जो शायद आप नहीं जानते!

भारतीय औरतों का चूड़ियां पहनना

Indian-women-wearing-banglesहमारे शरीर की कलाई बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस जगह पर हाथ रख कर नाड़ी की धड़कन को चेक किया जाता है, जिससे शरीर की कई बीमारियों का पता लगता है. इसके इलावा शरीर के बाहरी स्किन से गुजरने वाली बिजली को जब निकलने की कोई जगह नहीं मिलती, तो चूड़ियों की वजह से यह बिजली वापिस शरीर में चली जाती है.

मंदिर जाना

people-praying-in-templeमंदिर सकरात्मक उर्जा प्रधान करते हैं. मंदिर तब मंदिर बनता है, जब वहां मूर्ती की स्थापना होती है. मूर्ती के सामने वहां तांबे की प्लेटें भी रखी जाती हैं. जिस पर कई मंत्र लिखे होते हैं. असल में यह मंत्र सकरात्मक उर्जा नहीं प्रधान करते. वहां रखी तांबे की प्लेटें धरती से निकलने वाली चुंबकीय तरंगे अपने अंदर सोख लेती हैं और उन तरंगों को मंदिर के कोने कोने तक फैला देती हैं. जब हम रोज मंदिर जाते हैं, तो यह तरंगे हम में सकरात्मक उर्जा पैदा करती हैं.

यह भी पढ़ें: बॉलीवुड की 5 डरावनी फिल्में, जिन्हें देखकर आपकी रूह कांप उठेगी

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR