जापान पहुंचने वाले लोगों को अक्सर यह एहसास हो सकता है कि अपने साथ वे पर्याप्त गिफ्ट नहीं लाए हैं। जापान में उपहार देने का चलन केवल नववर्ष या विशेष अवसरों पर ही नहीं, साल भर जारी रहता है। शादियों में, छुट्टियों में या बिजनैस के हिस्से के रूप में ही नहीं, वहां अंतिम क्रिया पर भी उपहार दिए जाते हैं।
विश्व की इस तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में हर कोई एक-दूसरे से उपहार के शिष्टाचार की अपेक्षा करता है। स्वाभाविक है कि जापान की गिफ्ट इंडस्ट्री मालामाल है। गत वर्ष 2 प्रतिशत बढ़ कर इसका बाजार 85 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
टोक्यो इंटरनैशनल गिफ्ट शो की प्रवक्ता सुगा इमाई के अनुसार जापान में उपहारों का बाजार बहुत विशाल रूप ले चुका है। इस शो में लोग और कम्पनियां छोटे से लेकर बड़े उपहार के लिए ताजा तरीन विकल्प देख सकती हैं।
गत वर्ष के अंत में ‘ओसेइबो’ गिफ्ट्स की खूब मांग रहीं। ये वे उपहार होते हैं। जिनसे जापानी अच्छे संबंधों के लिए अपने कारोबारी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों का आभार व्यक्त करते हैं।
एक बड़ी ट्रांसलेशन एजेंसी में काम करने वाले एक कर्मचारी का कहना था कि नववर्ष के कई दिनों बाद तक भी अपने कारोबारी सहयोगियों से रोज उन्हें डाक में उपहार मिलते रहे। इनमें से ज्यादातर में खाने-पीने की चीजें थीं जिन्हें सभी कर्मचारी आपस में बांट लेते हैं।
जापान में काम करने वाली कई विदेशी कम्पनियां भी अपनी जापानी शाखाओं को गिफ्ट के संबंध में सलाह देती हैं। जैसे कि एक कम्पनी का संदेश था ‘जापान में उपहार देना शिष्टाचार माना जाता है। वे ज्यादा महंगे न हों ताकि प्राप्त करने वाले को संकोच या झिझक न हो और न ही बहुत सस्ता या घटिया होना चाहिए।’
छुट्टियों पर जाने वाले जापानी अक्सर अपने साथ ले जाने के लिए अच्छे उपहारों की तलाश में रहते हैं। परिवार के सदस्य और सहकर्मी लौटने पर उनसे उपहारों की अपेक्षा करते हैं।
अधिकतर लोग जहां जाते हैं वहां से स्थानीय खानपान की चीजें उपहार स्वरूप लाते हैं। शायद इसीलिए जापान में रेलवे स्टेशनों पर यादगारी चीजें बेचने वाली ‘सोवेनियर शॉप्स’ किराना दुकानों जैसी प्रतीत होती हैं।
उपहार खरीदना जिन लोगों को झंझट लगता है तो वहां कुछ स्थानों पर कई कम्पनियां उनके लिए विशेष सेवा प्रदान करती हैं। वे हवाई अड्डों पर या इंटरनैट पर उपहारों का ऑर्डर कर सकते हैं जिन्हें उनके घर पर पहुंचा दिया जाता है।
जापान में उपहार मिलने पर जल्द से जल्द ‘रिटर्न गिफ्ट’ देना विनम्रता प्रदर्शित करता है। ध्यान रखा जाता है कि उसका मूल्य प्राप्त गिफ्ट के लगभग समान हो। जैसे-जैसे जापान के समाज में बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है, कुछ नए चलन भी सामने आ रहे हैं। अब औपचारिक उपहारों में कमी और अनौपचारिक उपहारों में वृद्धि देखने को मिल रही है।
चाहे मदर्स डे या ‘फैस्टिवल ऑफ लॉन्जेविटी’ (जब व्यक्ति 60 की उम्र का हो जाता है) का अवसर हो, बुजुर्गों के लिए उपहारों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
यह अन्य चलन युवतियों में दिखाई दे रहा है और जिन्हें अच्छी नौकरी के लिए कड़ी प्रतियोगिता से भी गुजरना पड़ रहा है। वे सफलता पर खुद के लिए भी उपहार लेने लगी हैं और ये उपहार केवल भौतिक चीजें ही नहीं हैं, इनमें होटल में बढ़िया डिनर, स्पा ट्रिप, लग्जरी होटल में रात गुजारने से लेकर हैंग ग्लाइडिंग जैसे खेलों का रोमांच उठाना तक शामिल है।