यदि आपको लगता है कि आपका बॉस ही सबसे खडूस और जुल्मी है तो यह वीडियो आप जरूर देखना चाहेंगे, जिसमें एक युवक और युवती टॉयलेट का पानी पीते नज़र आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रही है जिसमें दो ऑफिस कर्मी टॉयलेट के फ्लश से निकलने वाले पानी को गिलास में भरकर पी रहे हैं। वीडियो के साथ दी गयी जानकारी के मुताबिक उन्हें यह सजा इसलिए दी गई क्योंकि वे अपना टारगेट पूरा करने से चूक गए थे।
दोनों ने अपने गले में कंपनी का आईडी कार्ड भी पहन रखा है जिससे पता चलता है कि यह वीडियो उनके दफ्तर की ही है। यह घटना चीन की एक कंपनी के ऑफिस में घटी।
मामला तब सामने आया जब पीड़िता युवती को डायरिया यानि दस्त होने पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. खबरों के मुताबिक वह कुछ खा भी नहीं पा रही। उसकी इस हालत को देखते हुए उसके एक सहकर्मी ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दी.
हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसके नाम को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जिस शख्स ने इस वीडियो को बनाया और सोशल मीडिया पर ‘लीक’ किया उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। देखें इस घटना से जुड़ी वीडियो:
मनुष्य सदियों से हर शोध का मुख्य विषय रहा है. मानव से जुड़े हर पहलु की गहन खोजबीन में वैज्ञानिक पड़े रहते हैं. इन खोजों के दौरान मानव और मानव स्वभाव से सम्बंधित बहुत ही दिलचस्प और कभी-२ हैरत-अंगेज तथ्य सामने आते हैं. वहीँ कुछ तथ्य बहुत ही अजीब और हास्यकर होते हैं जिनपर विश्वास करना मुश्किल होता है.
मानव स्वभाव के बारे में कुछ ऐसे ही मिलेजुले 10 दिलचस्प वैज्ञानिक तथ्य हम इस लेख के माध्यम से अपने पाठकों के लिए लेकर आये हैं. हम आशा करते हैं कि इन तथ्यों को जानकार आप मानव स्वभाव को बेहतर तरीके से समझ पाओगे.
तो आईये देखते हैं क्या हैं ये 10 तथ्य:
मनोविज्ञान के अनुसार झूठ बोलने के लिए बहुत सारे मानसिक प्रयास (mental effort) की जरूरत होती है. झूठ बोलने के लिए हमारे दिमाग को बहुत सारे छोटे-बड़े मानसिक कार्य करने पड़ते हैं. इसीलिए झूठ बोलने वाले व्यक्ति हमेशा छोटे वाक्य का उपयोग करते हैं क्योंकि उनको झूठ बोलने के लिए बड़े-2 वाक्य के संयोजन(combination) और इस्तेमाल करने में मुश्किल आती है.
ड्यूटी या अपने जॉब पर काम करते समय यदि व्यक्ति की निगरानी (monitoring) की जाए यानि उन्हें पता हो कि उनकी निगरानी की जा रही है तो वह बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं. आखिर हम सभी बेहतर ही दिखना चाहते हैं न!
किसी की आकर्षक और आरामदायक उपस्थिति आपको आसानी से गुमराह कर सकती है. अच्छे दिखने वाले लोगों पर विश्वास करने का रुझान होता है. लेकिन दुर्भाग्य से कई बार हम इस रुझान से धोखा खा लेते हैं. चाहे अच्छा दिखने वाला इंसान झूठा भी हो फिर भी आप उस पर विश्वास करने लगते हैं.
मनुष्य वास्तव में दो कामों को एक समय में नहीं कर सकता. हम सब कई बार दो कामों को एक समय पर करने की कोशिश (multi-tasking) करते हैं और अपने आप को मल्टीटास्कर कहते हैं. लेकिन सच्चाई यही है कि हम दो कामों को एक ही समय पर सही से नहीं कर सकते. हमारा दिमाग एक समय पर एक ही काम पर अपना ध्यान फोकस कर सकता है.
कॉर्नेल विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने मानव के स्वभाव पर हैरान कर देने वाले तथ्य खोजे हैं. उनके अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल फोन पर की गयी 37 प्रतिशत बातचीत झूठ पर आधारित होती है. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक फेस टू फेस बातचीत ज्यादा सच्ची होती है.
शोध के अनुसार आप ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट तक अपना ध्यान एक जगह तक केन्द्रित कर सकते हैं. अगर आप यह सोचते हैं कि आप अपना ध्यान एक जगह केन्द्रित करने में बहुत माहिर हैं, तो आप गलत हैं.
शोध के अनुसार ज्यादातर वोट उसी उम्मीदवार (candidate) को मिलते हैं जो वोटिंग लिस्ट में सबसे ऊपर होता है. वोटिंग मशीन में जिसका नाम सबसे पहले नंबर पर होता है, उसके जीतने की संभावना बाकी प्रत्याशियों से ज्यादा होती है. शोध की मानें तो मानव का स्वभाव ही ऐसा होता है जिसमें वह पहले नंबर की तरफ ज्यादा आकर्षित होता है.
जिन लोगों में कम आत्मविश्वास होता है वह दूसरे लोगों को भी कम आंकने लग जाते हैं. कम आत्मविश्वास वाले लोग दूसरों को भी नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. वह अपनी असफलताओं की वजह दूसरों को बताते हैं.
आपके बैठने वाली जगह आपके स्वभाव को भी नियंत्रित करती है. अगर आप एक कठोर जगह वाली कुर्सी पर बैठे हैं, तो आपका स्वभाव भी कठोर हो जायेगा. आपका कठोर स्वभाव आपके रिश्तों में भी जटिलता पैदा कर सकता है.
गुस्से और जल्दबाजी में लिए गये फैसले आपको हमेशा परेशानी में डालते हैं. हम कई बार अपने फैसले जल्दबाजी में कर लेते हैं जिसके बाद हमें पछतावा होता है.
फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और बंगाली अभिनेत्री बिदिता बाग़ मुख्य किरदार हैं।
अपने संजीदा अभिनय के लिए मशहूर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की आने वाली फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज‘ पर सेंसर बोर्ड की कैंची जैम कर चली है. फिल्म में 48 कट लगे हैं। खबर के अनुसार सेंसर बोर्ड के एक सदस्य ने फिल्म की प्रोड्यूसर किरण श्रॉफ से यहाँ तक कह डाला कि “वो महिला कैसे हो सकती है जो जींस और टी शर्ट पहनती है।”
अमर उजाला में प्रकाशित एक खबर के अनुसार, इस प्रकरण को को लेकर नवाजुद्दीन ने मीडिया से बातचीत की। नवाजुद्दीन के मुताबिक, “मुझे मुझे डायरेक्टर से पूछना पड़ेगा कि 48 कट हैं या नहीं. मेरे हिसाब से तो यह बहुत ज्यादा हैं. हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि ‘A’ सर्टिफिकेट मिल ही रहा है तो उसमें ज्यादा कट न हों. उसके बावजूद भी 48 कट हैं तो मैं नहीं जानता।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं अपने डायरेक्टर से बात करूंगा। मुझे तो अभी पता चला है लेकिन अगर ऐसा कर हैं तो फिल्म ही खत्म हो जाएगी पूरी… पिक्चर कहां से बचेगी?”
नवाजुद्दीन से पूछा गया कि क्या आप इससे निराश हैं? इस पर उन्होंने कहा, “हां बिल्कुल थोड़ा अफसोस तो हो ही रहा है। देखते हैं बात करनी पड़ेगी मुझे कि क्या है।”
आपको बता दें कि इससे पहले एकता कपूर की फिल्म ‘लिप्सटिक अंडर माय बुर्का’ के लिए भी सेंसर बोर्ड का यही रवैया था। इसके साथ ही फिल्म की बिजनेस पार्टनर किरण श्रॉफ के साथ भी सेंसर का हैरान कर देने वाला रवैया सामने आया है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बताया जा रहा है कि सेंसर बोर्ड की सीनियर मेंबर्स ने किरण से कहा, “महिला होकर आप ऐसे सबजेक्ट पर फिल्म कैसे बना सकती हो?”
इतना ही नहीं बोर्ड के एक और मेंबर ने उनका समर्थन करते हुए यहां तक कहा, “वो महिला कैसे हो सकती हैं अगर वो जींस और टी शर्ट पहनती हैं?” बताया जा रहा है फिल्म को मिले 48 कटों के लिए मेकर्स जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
राजधानी दिल्ली के एक गाँव और इसके आसपास के इलाकों में इन दिनों एक अजीब सी दहशत का माहौल है. छावला के एक गांव में एक ही दिन में तीन महिलाओं की रहस्यमय तरीके से चोटी काटने की घटनाओं ने इलाके में खौफ पैदा कर दिया है. खौफ इस कदर है कि गांव की लड़कियों ने स्कूल जाना तक बंद कर दिया है.
ख़बरों के मुताबिक छावला के कांगनहेड़ी गांव की रहने वाली मुनेश खेत में ज्वार काटने गई थीं। उनके सिर में तेज दर्द हुआ और वह वापस अपने घर आ गईं। वह चक्कर आने की हालत में चारपाई पर लेट गईं। जब उनकी नींद खुली तो देखा कि फर्श पर बालों का गुच्छा पड़ा है।
रविवार रात गांव में दूसरी घटना हो गई। यहां की श्रीदेवी ने बताया कि वह प्लॉट पर काम कर रही थीं। उनके सिर में तेज दर्द हुआ। वह घर में आकर बिना किसी को बताए बिस्तर पर लेट गईं। जब नींद खुली तो उनकी चोटी भी फर्श पर पड़ी मिली।
हरियाणा के मेवात, गुड़गांव और झज्जर जिले के बाद अब दिल्ली में भी चोटी काटने की घटनाओं से लोगों की नींद उड़ी हुई है. कांगनहेड़ी गांव के कुछ लोग इसे चोटी काटने वाला ‘शैतान’ बता रहे हैं, तो कुछ इसे अनदेखी या भुतहा शक्तियों से जोड़कर देख रहे हैं.
गांव में एक के बाद एक हुई तीन चोटी काटने की घटनाओं से ग्रामीण सहमे हुए हैं और पुलिस और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
यह हाईटेक दौर है। चाहे सरकारी सेक्टर हो या प्राइवेट, हर क्षेत्र में ज्यादातर काम कंप्यूटर पर हो रहा है। टिकट बुकिंग से लेकर बिल बनाने तक हर काम कंप्यूटर पर हो रहे हैं. आज बड़ी संख्या में लोग अपना अधिकतर समय कंप्यूटर या मोबाइल पर बिताते हैं।
कंप्यूटर कई लोगों, खासकर आज की युवा पीढ़ी की आजीविका का प्रमुख माध्यम बन चुका है. हर क्षेत्र में डाटा एंट्री ऑपरेटर से लेकर सॉफ्टवेयर इंजिनियर तक के दर्जनों विभिन्न कंप्यूटर की जॉब लोग कर रहे हैं.
कंप्यूटर जहाँ हमारी कामों में और हमारे रोजगार में हमारी मदद कर रहा है वहीँ हमारे फिजिकल फिटनेस के लिए बुरा भी साबित हो रहा है. जाहिर है कि कंप्यूटर की जॉब करने के लिए इसके सामने बैठना पड़ता है. कंप्यूटर के सामने ज्यादा देर तक बैठने के कारण सर्वाइकल, आंखों की समस्याएं, पीठ और रीढ़ की हड्डी में दर्द, मांसपेशियों का कमजोर पड़ना, मोटापा, गैस और मानसिक तनाव जैसी अनचाही बीमारियाँ हमें घेर रही हैं.
चूंकि हम कंप्यूटर से काम करना बंद तो नहीं कर सकते लेकिन कुछ साधारण सी बातें हैं जिन्हें अपना कर इन बुरे प्रभावों से बच सकते हैं. यहाँ हम कुछ टिप्स दे रहे हैं जिन्हें अपना कर आप इन समस्याओं खास कर आँखों से सम्बंधित व्याधियों से बच सकते हैं. ये रहे कंप्यूटर की जॉब करने वालों के लिए कुछ खास टिप्स..
फॉन्ट बड़ा रखें
कंप्यूटर पर लिखने व पढ़ने वाला फॉन्ट यानि Text थोड़ा बड़ा रखें। बड़े फॉन्ट साइज से आंखों को पर ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ता। कैसे करें?
गहरे रंग के फॉन्ट
कंप्यूटर पर लिखते व पढ़ते समय गहरे रंग के फॉन्ट और हल्के रंग के बैक ग्राउंड से आँखें सहज रहती हैं और आँखों को आराम मिलता है।
पलके झपकाते रहें
कंप्यूटर पर काम करते समय, बीच-2 में आंखे जल्दी-2 झपकाएं। देर तक आँखें न झपकाने से आँखें सूख जाती हैं जिससे आँखों की ड्राईनेस की समस्या हो सकती है.
ब्राइटनेस यानि लाइट सामान्य हो
कंप्यूटर स्क्रीन में ब्राइटनेस और लाइट की चमक न कम हो न ज्यादा हो। ब्राइटनेस की वजह से भी आंखों में प्रेशर और कभी-2 सरदर्द भी होता है।
स्क्रीन से अलग देखें
काम करते समय हर 1 मिनट के बाद स्क्रीन से बाहर देखें। इससे आंखों की मांसपेशियां अपनी सामान्य स्थिति में आतीं हैं और इन्हें आराम मिलता है।
कमरे में उचित प्रकाश हो
कंप्यूटर पर काम करते समय कमरे में उचित प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए. कम रौशनी वाले कमरे में या अँधेरे में कंप्यूटर पर काम कभी न करें। रोशनी का स्रोत जैसे बल्ब ऐसी जगह हो जहाँ से लाइट सीधे आँखों पर न पड़ती हो।
झुककर न बैठे
कंप्यूटर पर काम करते समय बिल्कुल सीधे बैठना चाहिए। स्क्रीन आँखों के बिलकुल सीध में हो. झुककर बैठने से रीढ़ की हड्डी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
लगातार न बैठें
लगातार ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर नहीं बैठना चाहिए। हर 30 मिनट बाद उठकर चलना जरूरी है। एक आसान सा तरीका यह है कि पानी की बोतल कहीं दूसरे कोने में रखें ताकि प्यास लगने पर उठ कर जाना पड़े. ज्यादा पानी पियें. यह न केवल आपको और आपकी त्वचा को तरो-तजा रखेगा बल्कि आपको उठने पर भी मजबूर कर देगा. समझ गये न? ;)
एक्सरसाइज करते रहें
कुर्सी पर बैठे-बैठे थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करते रहें। बांहों और टांगो को स्ट्रेच करें, गर्दन को इधर-2 घुमाएँ, आँखों को गोल-2 घुमाएँ, मुहं में हवा भर का फुलाएं, मुठ्ठीयों को भींच कर खोलें और बंद करें और इस तरह की हल्की फुल्की एक्सरसाइज करते रहें. शुरू में आपके सहकर्मी आपको सनकी समझ सकते हैं लेकिन यकीन मानिए आपकी देखा-देखी में एक दिन वे भी इसे शुरू कर देंगे.
सुबह-शाम व्यायाम करें
कंप्यूटर की जॉब करने वाले व्यायाम करने की आदत बनायें. हो सके तो हफ्ते में 2-3 दिन जिम जाएँ. घर पर सूर्य-नमस्कार, प्राणायाम, योग-ध्यान आदि सहज क्रियाएं करें. यह न केवल आपके तन को स्फूर्ति और उर्जा देते हैं बल्कि आपके मन को भी शांत, एकाग्रचित और तनाव-रहित रखने में आपकी मदद करते हैं.
मौसम की जानकारी देने वाले रिपोर्टर्स की ज़िंदगी भी इतनी आसान नही होती. आयरलैंड के टीवी चैनल TV3 में काम करने वाले एक रिपोर्टर डेरिक को मौसम ने हिला के रख दिया. आयरलैंड के बदलते मौसम के बारे में डेरिक हार्टिगन शहर के एक हिस्से से मौसम की रिपोर्टिंग कर रहे थे.
पिछले कुछ दिनों से आयरलैंड का मौसम काफी अलग था. ठंडी हवाओं के बीच लोग इस मौसम का आनंद ले रहे थे. लेकिन तभी मौसम ने ऐसी पलटी मारी और तेज़ हवाएं चलने लगीं. अचानक तीव्र हवा ने डेरिक को धकेलना शुरु कर दिया और वह लड़खड़ा कर स्क्रीन के सामने से गायब हो गए.
अचानक हुई इस घटना से डेरिक हार्टिगन अपने आपको संभाल नहीं पाए और उनका संतरी रंग का छाता भी तेज हवाओं के बीच संघर्ष कर रहा था. थोड़ी देर बाद जब वो वापस आए, तो स्क्रीन पर आने के बाद अपने आप को संयम रखने की कोशिश करने लगे. लेकिन न्यूज़रुम में बैठे उनके साथी भी डेरिक के साथ हुई कलोल पर अपनी हंसी को रोक नहीं पाए.
इंदौर के खंडवा के खालवा में बस स्टैंड पर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब असली किन्नर किन्नरों का वेश धारण किये युवकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने लगे और उनके कपडे फाड़ दिए. करीब एक घंटे तक चले इस घटनाक्रम का लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
खंडवा के खालवा के जीन मोहल्ला में कुछ किन्नर चार पहिया वाहन से पहुंचे और वसूली करने लगे। वे एक घर में पहुंचे तो महिला ने उन्हें 20 रुपए दिए। इस पर किन्नर उससे 200 रुपए मांगने लगे। महिला ने जब रुपए नहीं होने का कहते हुए जाने को कहा तो वे उसे धमकाने लगे।
किन्नरों ने महिला से कहा कि रुपए नहीं दिए तो वे बच्चे को अगवा कर लेंगे। महिला घबरा गयी और उसने अपने एक परिचित को फोन कर बुला लिया। परिचित युवक मौके पर पहुंचा तो नकली किन्नर उससे भी बहस करने लगे। जब उसने उन्हें जाने को कहा तो वे उससे मारपीट करने लगे। इस युवक को उन पर शक हुआ और उसने तत्काल अपने एक मित्र को कॉल का बुलाया, जो किन्नरों को जानता था।
उसका दोस्त जब मौके पर पहुंचा तो नकली किन्नर भागने की फिराक में थे। उसने तत्काल असली किन्नरों को कॉल किया और कहा कि यहां कुछ किन्नर वसूली कर रहे हैं और मन मुताबिक रुपए नहीं मिलने पर मारपीट कर रहे हैं। आप इन्हें समझा दो। इस पर असली किन्नरों ने कहा कि हमने आज उस क्षेत्र में किसी को नहीं भेजा है। आप उन पर नजर रखो हम मौके पर पहुंच रहे हैं।
असली किन्नरों की बात मान कर युवक नकली किन्नरों का पीछा करने लगे और असली किन्नरों को लोकेशन बताते रहे। इस दौरान जब नकली किन्नर जब सिंगोट में उगाही कर रहे थे, तभी असली किन्नर वहां पहुंच गए और इन्हें रोककर पूछताछ की। जब उन्हें इनके नकली होने का पता चला तो इन्होंने युवकों की पिटाई शुरू कर दी और छनेरा के किन्नरों को सूचना दी।
चूंकि खालवा क्षेत्र छनेरा के किन्नरों के अधिकार क्षेत्र में आता है इसलिए छनेरा के किन्नर भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद खंडवा वाले किन्नरों ने छनेरा वाले किन्नरों को उनके हवाले कर दिया और वापस लौट गए। इसके बाद छनेरा का एक किन्नर उनकी गाड़ी में बैठ गया और कहा कि जहां से उगाही की है वहीं पर चलो, अब उन्हीं के सामने सबक सिखाएंगे। इसके बाद असली किन्नर इन्हें खालवा बस स्टैंड लेकर पहुंचे।
खलवा बस स्टैंड पर असली किन्नरों ने पहले तो नकली किन्नरों को जमकर पीटा और फिर जब वे भागने लगे तो उनका पीछा कर पीटते हुए कपड़े उतार दिए। उनका गुस्सा इस कदर था कि उन्हों ने युवकों के एक-एक कर सारे पकड़े फाड़ दिए और जो हाथ में आया उसी से पीटा। इसके बाद नकली बने युवक बच्चों की दुहाई देकर माफ कर देने के लिए हाथ जोड़कर मिन्नतें करने लगे। इस पर असली किन्नरों ने उन्हें दुबारा इस तरह का काम न करने की बात कहकर जाने को कहा।
पिटाई के बाद असली किन्नरों ने दुकानदारों और लोगों से कहा कि हम किन्नर जबरन किसी से रुपए नहीं मांगते। हमारे गुरु हैं और जिस भी गुरु की संगत में हम रहते हैं, उन्ही के क्षेत्र में जाते हैं और लोगों ने गुजारे के लिए कुछ मांगते हैं। लोगों ने मर्जी से जो दे दिया उसी में खुश रहते हैं किसी को परेशान नहीं करते। इसलिए जब भी कोई किन्नर के नाम पर जबरन वसूली करे तो सचेत हो जाएं, क्योंकि वह नकली किन्नर हो सकता है।
जरा कल्पना करें कि क्या हो यदि कड़ाही में कुछ तलते हुए खौलते गर्म तेल के कुछेक छींटे आपके हाथ पर पड़ जाएँ. यकीनन आप दर्द से बिलबिला उठेंगे और माँ, बाप, दादी, नानी सबको एक साथ याद कर लेंगे. अब कल्पना करें कि क्या कोई नंगे हाथों से खौलते तेल की कड़ाही में कुछ तल सकता है? नहीं न? लेकिन एक शख्स है जो ऐसा कर सकता है.
धौलपुर राजस्थान के मुकेश कुशवाह एक ऐसे शख्स हैं जो, उबलते हुए तेल की कढ़ाई में हाथ डालकर कचौरी और समोसा तल सकते हैं। दरअसल तलने का सारा काम वह बिना चिमटे या कड़छी के ही करते हैं.
उनकी हैरतअंगेज क्षमता लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने को विवश कर देती है और कई लोग तो उनकी इस क्षमता के कारण उत्सुकतावश ही उन्हें देखने और उनके हाथ की तली गरमागरम कचौरियां खाने पहुँच जाते हैं.
मुकेश कुशवाह उबलते कढ़ाही में हाथ डाल देते हैं. उन्हें जलन या दर्द जैसा कुछ भी महसूस नहीं होता है.
खुद मुकेश कुशवाहा मानते हैं जन्मजात प्रतिभा
मुकेश कहते हैं कि उनके हाथ पूरे पंजे तक गर्म तेल में नहीं जलते हैं, यानि उन्हें गर्म या जलने का अहसास नहीं होता है। हाँ यदि, पंजे से ऊपर बांह में तेल आ जाये है तो फफोले पड़ जाते हैं।
मुकेश दस साल से हलवाई का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि कुदरत ने उन्हें ऐसा ही बनाया है. वे लोगों से अपील करते हैं कि लोग देखा-देखी में यह जोखिम कतई न उठाएं।
मुकेश कुशवाहा ने दस वर्ष तक सीमावर्ती मुरैना में हलवाइयों के साथ काम किया। काम करने के दौरान वे गरम कड़ाही को नंगे हाथों से ही उठा लेते थे. धीरे-2 वे इसके आदि हो गये. कचौरी-बूंदी तलने के दौरान उबलते तेल में अंगुलियां डालीं तो पता चला कि इसका कोई असर नहीं हो रहा।
चार साल से वह धोलपुर में अपनी कचौरियों की दुकान चला रहे हैं।
रिलायंस जियो के मुकाबले में रिलायंस कॉम ने भी अपना नया 1जीबी प्रतिदिन ऑफर पेश किया है। ऑफर में कंपनी अपने ग्राहकों के लिए एक साल का खास पैकेज पेश कर रही है। यह ऑफर रिलायंस के डाँगल बंडल के रूप में है जो एक साल के लिए 5,199 रुपए का मिलेगा।
इस बंडल ऑफर में एक आरकॉम का 4जी सिम कार्ड है, जिसके साथ 1जीबी डाटा प्रतिदिन और साथ में वाई-पॉड भी मिलेगा। यह ऑफर आरकॉम ईशॉप वैबसाईट पर उपलब्ध है।
आरकॉम की साईट पर जो तस्वीर डाँगल की दिखाई गई है, वो एकदम रिलायंस जियो के वाई-फाई डिवाइस की तरह है।
1जीबी प्रतिदिन के ईएमआई ऑफ़र में इस बंडल ऑफर के लिए आपको 5,199 रुपए देने होंगे। यह कीमत आप ईएमआई यानि किस्तों में भी चुका सकते हैं। इसकी ईएमआई 500 रुपए प्रति महीने से शुरू होती है। इसके लिए 3,6,9,12,18 और 24 महीनों तक का ईएमआई ऑफर है।
फीचर्स आरकॉम के इस डाँगल के साथ 4जी स्पीड देने का दावा किया गया है। इस डिवाइस से 10 डिवाइस कनेक्ट किये जा सकते हैं। इसमें 32जीबी इनबिल्ट मैमोरी भी है। कॉल सपोर्ट के साथ इसमें अधिकतम डाउनलोड स्पीड 150एमबीपीएस देने का प्रस्ताव है।
डाँगल बंडल ऑफर 4जी वाईफाई डाँगल बंडल के साथ ग्राहकों को एक साल का प्रीपेड ऑफर दिया जा रहा है। इसमें यूज़र्स को 365 दिनों तक हर दिन 1जीबी 4जी डाटा मिलेगा।
क्या नमक के कण पर नाम लिखा जा सकता है? क्या दाढ़ी के एक बाल को ब्रश बना कर पेंटिंग बनाई जा सकती है? सुनने में थोड़ा अजीब लगता है लेकिन ऐसा कर दिखाया है बेमिसाल हुनर के मालिक मुकेश थापा ने.
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में जन्मे थापा को अपनी खुद की यह पोर्ट्रेट बनाने लगभग एक साल लगा. कैनवस पर इस पेंटिग को बनाने के लिए मुकेश ने अपनी दाढ़ी के सिर्फ एक बाल का प्रयोग किया.
29 मार्च 1979 को एमएस थापा और देव माया थापा के घर जन्मे मुकेश थापा को बचपन से ही चित्रकारी का शौक था। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने किसी से चित्रकारी की कला नहीं सीखी। हालाकिं, हिमाचल के प्रसिद्ध चित्रकार शोभा सिंह को मन ही मन वह अपना गुरू मानते हैं।
नेपाल मूल के मुकेश थापा एक बाल से पेंटिंग बनाकर और ऐसे ही कई अन्य हैरतअंगेज पेंटिंग बना कर लिम्का बुक रिकॉर्ड, एशिया बुक रिकॉर्ड, इंडिया बुक रिकॉर्ड, चाईना बुक ऑफ रिकॉर्ड, नेपाल रिकॉर्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया जैसे कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं.
मुकेश थापा पिछले 24 सालों से पेंटिंग कर रहे हैं. मुकेश के परिवार में उनकी दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. मुकेश की आरंभिक शिक्षा नर्सरी स्कूल धर्मशाला और ब्वायज स्कूल धर्मशाला में हुई. जिसके बाद थापा ने पीजी कालेज धर्मशाला से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की. मुकेस को पेंटिंग का शौक उस समय पैदा हुआ जब वह महज़ चार साल के थे.
अक्टूबर 2015 में अमेरिका में आयोजित एक ऑनलाइन कम्पटीशन में मुकेश की पेंटिंग “एंड ऑफ़ ग्रीन” (End of Green) को प्रथम पुरूस्कार मिला था.
मुकेश थापा की पेंटिंग “एंड ऑफ़ ग्रीन” जिसे विश्व में पहला स्थान मिला
आज मुकेश उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा का काम कर रहे हैं, जो अपने हुनर को मुकेश की तरह निखारना चाहते हैं. मुकेश का ख्वाब है कि वो धर्मशाला में विश्व स्तरीय आर्ट गैलरी बनाएं, जहां युवा पीढ़ी कैनवस पर नये भारत को उतार सके.
मुकेश थापा को नमक के दाने पर नाम लिखने और दाढ़ी के बाल से पेंटिंग बनाने सहित हैरतअंगेज पेंटिंग बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल नौ अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड, एवरेस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड नेपाल, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड, रिकॉर्ड होल्डर रिपब्लिक और एशिएस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है।
इसके अलावा वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अमिताभ बच्चन, सलमान खान, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को वह उनकी पेंटिंग बनाकर गिफ्ट कर चुके हैं।