जरा कल्पना करें कि क्या हो यदि कड़ाही में कुछ तलते हुए खौलते गर्म तेल के कुछेक छींटे आपके हाथ पर पड़ जाएँ. यकीनन आप दर्द से बिलबिला उठेंगे और माँ, बाप, दादी, नानी सबको एक साथ याद कर लेंगे. अब कल्पना करें कि क्या कोई नंगे हाथों से खौलते तेल की कड़ाही में कुछ तल सकता है? नहीं न? लेकिन एक शख्स है जो ऐसा कर सकता है.
धौलपुर राजस्थान के मुकेश कुशवाह एक ऐसे शख्स हैं जो, उबलते हुए तेल की कढ़ाई में हाथ डालकर कचौरी और समोसा तल सकते हैं। दरअसल तलने का सारा काम वह बिना चिमटे या कड़छी के ही करते हैं.
मुकेश कुशवाह उबलते कढ़ाही में हाथ डाल देते हैं. उन्हें जलन या दर्द जैसा कुछ भी महसूस नहीं होता है.
खुद मुकेश कुशवाहा मानते हैं जन्मजात प्रतिभा
मुकेश कहते हैं कि उनके हाथ पूरे पंजे तक गर्म तेल में नहीं जलते हैं, यानि उन्हें गर्म या जलने का अहसास नहीं होता है। हाँ यदि, पंजे से ऊपर बांह में तेल आ जाये है तो फफोले पड़ जाते हैं।
मुकेश दस साल से हलवाई का काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि कुदरत ने उन्हें ऐसा ही बनाया है. वे लोगों से अपील करते हैं कि लोग देखा-देखी में यह जोखिम कतई न उठाएं।
मुकेश कुशवाहा ने दस वर्ष तक सीमावर्ती मुरैना में हलवाइयों के साथ काम किया। काम करने के दौरान वे गरम कड़ाही को नंगे हाथों से ही उठा लेते थे. धीरे-2 वे इसके आदि हो गये. कचौरी-बूंदी तलने के दौरान उबलते तेल में अंगुलियां डालीं तो पता चला कि इसका कोई असर नहीं हो रहा।
चार साल से वह धोलपुर में अपनी कचौरियों की दुकान चला रहे हैं।