Wednesday, March 27, 2024
32.1 C
Chandigarh

मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का अब तक का सफर

मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के बारे तो आप जानते ही होंगे। एक ऐसे इंसान जिनका टाटा परिवार के साथ खून का रिस्ता नहीं है। वह एक गोद लिए हुए पुत्र है। टाटा ग्रुप के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने टाटा ग्रुप को शिखर पर पहुंचा दिया। उन्होंने बड़ी मेहनत और लगन से टाटा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। आइए जानते है उनके जीवन से जुड़ी बातें:

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को सूरत, गुजरात में हुआ था। रतन टाटा नवल टाटा और सोनू टाटा के बेटे है। जिन्हें नवाजबाई टाटा ने अपने पति की मृत्यु के बाद गोद लिया था। जब रतन 10 साल के थे, उनके माता-पिता का तलाक हो गया था। उनका पालन- पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा ने किया था।

उन्होंने टाटा ग्रुप में अपने करियर की शुरुआत 1961 में की थी। शुरुआत में वो स्टील के शॉप फ्लोर पर लाइमस्टोन को हटाने और धमाके भट्टी को हैंडल करने का काम करते थे। उस टाइम कंपनी में सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स ही बनाए जाते थे और कंपनी को कोई खास मुनाफा नहीं होता था। 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया।

1981 में जमशेदजी टाटा ने रतन को टाटा ग्रुप का नया अध्यक्ष बनाया। जब उन्हें टाटा ग्रुप का अध्यक्ष बनाया गया था, तब कंपनी में उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन उनके उत्तराधिकारी बनने के बाद टाटा इंड्रस्ट्री ने नई मंजिले हासिल की। रतन टाटा के उत्तराधिकारी बनने के बाद टाटा ग्रुप ने टाटा टी ब्रांड के तले टीटले, टाटा मोटर्स के तले जगुआर लैंड रोवर और टाटा स्टील खरीद लिए।

यह सब खरीदने के बाद टाटा ग्रुप भारत के बहुत बड़े ब्रांड बिज़नेस में शामिल हो गया था और भारत के अलावा टाटा ग्रुप का बिजनेस 100 और देशों में भी फैल गया। आज टाटा ग्रुप में 110 कंपनिया आती हैं, जिनमें टाटा चाय से लेकर पांच सितारा होटल तक, सुई से लेकर स्टील तक और लखटकिया नैनो से लेकर हवाई जहाज तक बनते है।

28 दिसंबर 2012 को वह टाटा ग्रुप की सभी कार्यकारी जिम्मेवारियां से सेवा मुक्त हो गए। उनकी जगह 44 साल के साइरस मिस्त्री को चेयरमैन नियुक्त किया गया। सेवा मुक्ति के बाद भी वह काम-काज में लगे रहते है।

रतन टाटा बहुत शर्मीले स्वभाव के है। वह दुनिया की झूठी चमक दमक में विश्वास नहीं करते। रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की, हालांकि उनको 4 बार प्यार भी हुआ था, लेकिन चारों बार हालात ऐसे बने कि किसी न किसी वजह से उनका प्यार अधूरा रह गया। 2008 में भारत सरकार ने उनको पद्दम भूषण और पद्दम विभूषण से सन्मानित किया था।

जानिए प्रेरणादायक और विप्रो कंपनी के चेयरमैन अजीम प्रेमजी के बारे में

जानिए मुकेश अंबानी और उनके परिवार के बारे में कुछ रोचक बातें

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR

RSS18
Follow by Email
Facebook0
X (Twitter)21
Pinterest
LinkedIn
Share
Instagram20
WhatsApp