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चैत्र नवरात्रि के दिनों में माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के अचूक उपाय

नवरात्रि भारतवर्ष में हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग- अलग रूपों की पूजा की जाती है।

वैसे तो साल में चार बार चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ के महीनों में नवरात्रि आती है, लेकिन उनमें से केवल चैत्र और आश्विन माह की नवरात्रि ही बड़े स्तर पर मनाई जाती है।

आइए जानते हैं इस बार चैत्र नवरात्रि कब है और क्या है घट स्थापना का मुहूर्त। घट स्थापना का मतलब है कलश की स्थापना करना, इसे सही मुहूर्त में ही करना चाहिए और पूजा विधि का भी खास ख्याल रखना चाहिए।

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि की घटस्थापना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को होती है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च को रात 10 बजकर 52 मिनट से लेकर 22 मार्च को रात 08 बजकर 20 मिनट तक रहेगी। इसलिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। यानी घटस्थापना के लिए आपको कुल 01 घंटा 09 मिनट की अवधि मिलेगी।

ऐसे करें माँ दुर्गा को प्रसन्न

चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्त माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नौ दिनों का उपवास रखते हैं। इन नौ दिनों में तीन देवी पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ रुपों की पूजा होती है, जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं।

भक्त ये 9 दिन देवी माँ की पूजा और नवरात्रि मंत्रों का जप करते हुए बिताते हैं। चैत्र नवरात्रि के पहले तीन दिनों को ऊर्जा माँ दुर्गा को समर्पित है।

अगले तीन दिन, धन की देवी, माँ लक्ष्मी को समर्पित है और आखिर के तीन दिन ज्ञान की देवी, माँ सरस्वती को समर्पित हैं।

यह माना जाता है कि जो भक्त बिना किसी इच्छा की पूर्ति के लिए नवदुर्गा की पूजा करते हैं, तो वह भक्त मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर कर मोक्ष प्राप्त करते हैं। चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों के कुछ पूजा अनुष्ठान नीचे दिए गए हैं।

  • घट स्थापना नवरात्रि के पहले दिन सबसे आवश्यक है, यह ब्रह्मांड का प्रतीक है। घर की शुद्धि और खुशाली के लिए इसे पवित्र स्थान पर रखें।
  • आप नवरात्रि पूजा शुरू करने से पहले देसी घी का दीपक जलाएं, जो कि घर और परिवार में शांति का प्रतीक है। यह घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म करता है और भक्तों में मानसिक संतोष बढ़ाता है।
  • नवरात्रि में घर में जौ की बीजाई करते है। ऐसी मान्यता है कि जौ इस सृष्टी की पहली फसल थी, इसीलिए इसे हवन में भी चढ़ाया जाता है। वसंत ऋतू में आने वाली पहली फसल भी जौ ही है, जिसे देवी माँ को चैत्र नवरात्रि के दौरान अर्पण करते है।
  • नवरात्रि के 9 दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ माना जाता है, क्योंकि दुर्गा सप्तशती शांति, समृद्धि, धन और शांति का प्रतीक है।
  • कन्या पूजन के दिन कन्या को फूल, इलायची, फल, सुपारी, मिठाई, श्रृंगार की वस्तुएं, कपड़े, घर का भोजन (खासकर: जैसे की हलवा, काले चने और पूरी) प्रस्तुत करें।

इन बातों का रखें ध्यान

  • त्योहार के शुरू होने से पहले, अपने घर में देवी का स्वागत करने के लिए घर की साफ सफाई करें।
  • उपवास करते वक्त सात्विक भोजन जैसे कि आलू, कुट्टू का आटा, दही, फल, आदि खाएं।
  • इन दिनों चमड़े का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • नवरात्रि के दिनों में क्रोध से बचे रहें।
  • हर दिन सत्संग करें और कम से कम 2 घंटे का मौन रखें।

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