Wednesday, March 27, 2024
36.7 C
Chandigarh

कानों के बारे में रोचक तथ्य व जानकारी

कानों के बारे में रोचक तथ्य – कान हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यह मानव शरीर की विख्यात पाँच इंद्रियों में से एक श्रवण इंद्री का मुख्य उपकरण है। कान के द्वारा ही हम आवाजों को सुन सकते हैं और दूसरे की बातों को समझ सकते हैं।

कान हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है – कानों के बारे में रोचक तथ्य

कान हमें आवाजों को सुनने में मदद करते हैं परंतु इसके अलावा भी कान के बारे में ऐसा बहुत कुछ है जो आप नहीं जानते होंगे। कानों के बारे में रोचक तथ्य के इस लेख में हम कानों के बारे में कुछ रोचक तथ्य और जानकारी आपके साथ सांझा कर रहे हैं।

क्यों होते हैं दो कान

दोनों कान होने से हम पता लगा पाते हैं कि आवाज किस दिशा से आ रही है। हमारा मस्तिष्क दोनों कानों से आने वाली आवाज को पकड़ता है और उनकी तुलना करके दिशा का पता लगा लेता है।

कान के हिस्से

हमारे कान के तीन प्रमुख हिस्से हैं- 1. बाहरी कान, 2. मध्य कान तथा 3. भीतरी कान।

  1. बाहरी कान

यह कान का वह हिस्सा है जो हमें शरीर से बाहर निकला नजर आता है। यह कान के भीतरी हिस्सों की रक्षा करता है और ध्वनियों को जमा करके भीतरी हिस्से की ओर पहंचने में मदद करता है। इसके दो हिस्से हैं :

इयर फ्लेप : ध्वनि तरंगें इसी से होते हुए भीतर जाती हैं।

इयर कनाल : यह लगभग 2 सैंटीमीटर लम्बा होता है। यह ध्वनि तरंगों को तेज करके मध्य हिस्से की ओर प्रवाहित करता है। इसमें पसीने वाली ग्रंथियां भी होती हैं जिनसे ‘ईयर वैक्स’ (कान की मैल) पैदा होती है।

  1. मध्य कान

यह हवा से भरा खोखला हिस्सा है। कान के अन्य हिस्सों के बीच स्थित यह हिस्सा ध्वनि तरंगों को बाहरी कान से ‘प्रैशर वेव्स’ (दबाव वाली लहरों) के रूप में प्राप्त करता है। इसके मुख्य हिस्से इस प्रकार हैं :

कान का पर्दा (ईयरड्रम) : यह एक बेहद महीन झिल्ली है जो बाहरी तथा मध्य कान को अलग करती है। ध्वनि तरंगों के इससे टकराते ही यह हिलती है और ‘साऊंड एनर्जी’ को मैकेनिकल एनर्जी’ में बदल देती है। कान का पर्दा भीतरी हिस्से में स्थित कोकली से तीन बेहद छोटी हड्डियों से जुड़ा रहता है जो इस प्रकार हैं:

हैमर : कान के पर्दे के साथ स्थित यह बहुत छोटी हड्डी है। कान के पर्दे के हिलने पर यह भी हिलती है।

एनविल (anvil) : यह हैमर के साथ लगी अन्य हड्डी है। हैमर के हिलने पर यह हिलती

स्टेपीज़(stapes) : हैमर तथा एनिवल की ही तरह यह भी एक बहुत छोटी हड्डी है। उनके हिलने पर यह भी उनकी तरह हिलती है और कोकली से जुड़ी होती है और ध्वनि तरंगों को भीतरी कान की ओर भेजती है।

  1. भीतरी कान

कान का यह सबसे भीतरी हिस्सा पानी जैसे द्रव्य से भरा होता है। इसमें सुनने तथा शरीर का संतुलन बनाने वाले अंग होते हैं जो इस प्रकार हैं :

कोकली : यह एक घुमावदार ट्यूब है जो 3 सैंटीमीटर तक खिंच सकती है। इसमें अनेक ‘नर्व सैल्स’ होते हैं। बालों जैसे ये ‘नर्व सैल्स’ विभिन्न तरंगों के कम्पन के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रिया करते हैं जिससे विद्युतीय आवेग पैदा होता है।

सैमीसर्कुलर कनाल्स : यह द्रव्य से भरे फंदे होते हैं जो कोकली से जुड़े रहते हैं। ये शरीर को संतुलन कायम रखने में मदद करते हैं।

ऑडिटरी नर्व : ‘नर्व सैल्स’ द्वारा पैदा विद्युतीय आवेग इसके माध्यम से ही मस्तिष्क तक पहुंचते हैं और हम आवाजों को समझ पाते हैं।

कानों के बारे में रोचक तथ्य

  • ऊंचे स्थलों पर कान बंद से होते महसूस होने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऊंचाई पर हवा कम घनी होती है जिससे मध्य कान में बंद हवा का संतुलन बिगड़ जाता है।
  • मध्य कान को हवा यूस्टैचियन ट्यूब से मिलती है जो गले से जुड़ी होती है। आमतौर पर यह बंद रहती है परंतु कभीकभी खुलती रहती है क्योंकि यह मध्य कान में हवा की मात्रा को संतुलित रखने के लिए जरूरी है।
  • इंसानों की तुलना में जानवर के सुनने की क्षमता अधिक होती है।
  • एक बार सुनने की क्षमता गई तो यह ठीक नहीं हो सकती।
  • अधिक खा लेने पर सुनने की क्षमता थोड़ी कम हो जाती है।
  • हैमर, एनविल तथा स्टेपीज़ शरीर की सबसे छोटी हड्डियां हैं। स्टेपीज़ मानव शरीर की सबसे छोटी और हल्की हड्डी है जो औसतन 3 x 2.5 मिलीमीटर माप की होती है।
  • कान की मैल वास्तव में बैक्टीरिया को खत्म करके सुरक्षा करती है।
उम्मीद हैं कि कानों के बारे में रोचक तथ्य के इस लेख में दी गयी जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर पसंद आई हो तो हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें

यह भी पढ़ें:

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR

RSS18
Follow by Email
Facebook0
X (Twitter)21
Pinterest
LinkedIn
Share
Instagram20
WhatsApp