Thursday, April 18, 2024
25.2 C
Chandigarh

जानिए कैसे शुरू हुई बकरीद पर कुर्बानी की प्रथा

भारत में सालभर में कई त्‍योहार मनाए जाते हैं, और अगस्‍त का तो पूरा महीना ही त्‍योहारों के नाम होता है. इसमें हिंदुओं का एकादशी व्रत और शिवरात्रि का त्‍योहार आता है, और केरल का मशहूर त्‍योहार ओणम भी मनाया जाता है.त्‍योहारों के लिए खास अगस्‍त के महीने में मुसलमानों का बकरीद का त्‍योहार भी मनाया जाता है.

इस्‍लाम धर्म को मानने वाले

इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रमजान खत्म होने के लगभग 70 दिनों बाद बकरीद मनाते हैं। इसे ईद-उल-जुहा भी कहते हैं। इस दिन मुस्लिम लोग मस्जिद में जाते है, और एक दुसरे के गले मिलते है |इस साल बकरीद का त्योहार तीन दिन 22, 23 और 24 अगस्त को मनाया जाएगा। ईद-उल-फितर के बाद यह त्योहार मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस दिन मुसलमानों के घर में कुछ चौपाया जानवरों की कुर्बानी देने की प्रथा भी है।आइए जानते हैं कि, कुर्बानी देने के पीछे इस्लाम धर्म की क्या मान्यता है …

हजरत इब्राहिम ने शुरू की परंपरा

इस्लाम धर्म के प्रमुख पैगंबरों में से हजरत इब्राहिम भी एक है। इन्हीं की वजह से ही बकरीद के दिन मेमने की कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हुई थी।

अल्‍लाह का हुक्‍म

माना जाता है, कि अल्‍लाह ने एक बार इनके ख्‍वाब में आकर इनसे इनकी सबसे प्‍यारी चीज कुर्बान करने को कहा था । इब्राहिम को अपनी इकलौती औलाद उनका बेटा सबसे अज़ीज़ था। उन्‍हें बुढ़ापे में जाकर अब्‍बा बनने की खुशी मिली थी। मगर अल्‍लाह के हुक्‍म के आगे वह अपनी खुशी को कुर्बान करने को तैयार थे।

अल्‍लाह ने किया यह चमत्‍कार

अल्‍लाह की मर्जी के आगे भला किसी की क्‍या मजाल। हुआ यूं कि इब्राहिम अपने बेटे को कुर्बान करने को ले जा रहे थे तभी रास्‍ते में उन्‍हें एक शैतान मिला और उनसे कहने लगा कि भला इस उम्र में वह अपने बेटे को क्‍यों कुर्बान करने जा रहे हैं? शैतान की बात सुनकर उनका मन भी डगमगाने लगा और वह सोच में पड़ गए। मगर कुछ देर बाद उन्‍हें याद आया कि उन्‍होंने अल्‍लाह से वादा किया है।

आंख पर बांध ली पट्टी

इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते वक्त उनके बेटे के प्रति उनका लगाव आड़े आ सकता है, तो इब्राहिम ने इससे बचने के लिए आंख पर पट्टी बांध ली थी । इब्राहिम ने जैसे ही अपने बेटे की गर्दन पर छुरी चलाई तभी एक फरिश्ते ने आकर उसके बेटे की जगह एक मेमना रख दिया और उनके बेटे की जान बच गई और इस तरह से मेमने की कुर्बानी दे दी गई | कुर्बानी देने के बाद जैसे ही उन्होंने आंख से पट्टी हटाई तो देखा कि उनका बेटा जिंदा उनके सामने खड़ा है। अल्लाह ने चमत्कार किया और उनके बेटे को बचा लिया |

शैतान को मारे जाते हैं पत्थर

हज पर जाने वाले इब्राहिम को रास्ते से भटकाने वाले शैतान को लोग अपनी हज यात्रा के आखिरी दिन पत्थर मारते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR

RSS18
Follow by Email
Facebook0
X (Twitter)21
Pinterest
LinkedIn
Share
Instagram20
WhatsApp