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पंडित जवाहर लाल नेहरू के 12 अनमोल विचार

प‍ंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहबाद में हुआ था। वे एक ऐसे कश्मीरी ब्राह्मण परिवार के थे, जो अपनी प्रशासनिक क्षमताओं तथा विद्वत्ता के लिए विख्यात थे।

जवाहर लाल नेहरू, संसदीय सरकार की स्थापना और विदेशी मामलों में ‘गुटनिरपेक्ष‘ नीतियों के लिए विख्यात हुए। वे आधुनिक भारतीय राष्ट्र-राज्य – एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र – के वास्तुकार मानें जाते हैं।

कश्मीरी पण्डित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पण्डित नेहरू भी बुलाएँ जाते थे, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के रूप में जानते हैं।

1930 और 1940 के दशक में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से प‍ंडित जवाहर लाल नेहरू एक थे। जानिए उनके 12 अनमोल विचार …

1 नागरिकता देश की सेवा में होती हैं। 
2 संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है। 
3 लोकतंत्र अच्छा है।  मैं ऐसा इसलिए कहता हूं क्योंकि अन्य प्रणालियां इससे बदतर हैं। 
4 संकट में हर छोटी सी बात का महत्व होता है। 
5  तथ्य, तथ्य हैं और किसी की पसंद से गायब नहीं होते हैं। 
6 विफलता तभी होती है जब हम अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं। 
7 एक महान कार्य में लगन और कुशल पूर्वक काम करने पर भी, भले ही उसे तुरंत पहचान न मिले, अंततः सफल जरूर होता है। 
8 लोगों की कला उनके मन का सही दर्पण है। 
9  एक पूंजीवादी समाज की शक्तियों को अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो वे अमीर को और अमीर तथा गरीब को और गरीब बना देती हैं। 
10 वह व्यक्ति जिसे वो सब मिल जाता है जो वो चाहता था, वह हमेशा शांति और व्यवस्था के पक्ष में होता है। 
11 शांति के बिना अन्य सभी सपने गायब हो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं। 
12 आप दीवार के चित्रों को बदल कर इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकते हैं। 

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