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जानिए अडोल्फ हिटलर के बारे में जिसके नाम से ही कांपता था पूरा विश्व

आज हम आपको अडोल्फ हिटलर के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपने पहले कभी नहीं सुना होगा। सबसे पहले आपको बता दें कि अडोल्फ हिटलर एक क्रूर स्वभाव का व्यक्ति था। उसने लोगों पर बहुत अत्याचार किया था और उसके नाम से ही पूरा विश्व कांपता था।

जानिए अडोल्फ हिटलर के जीवन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें

मशहूर अडोल्फ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 में ऑस्ट्रिया में हुआ था।

वह एक प्रसिद्ध जर्मन राजनेता एवं तानाशाह थे। वे ‘राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी’ (NSDAP) के नेता भी थे। इस पार्टी को प्राय: ‘नाजी पार्टी’ के नाम से जाना जाता है।

हिटलर के पिता ने तीन शादियां की थी। पहली बार अपने से बहुत ज्यादा उम्र की औरत से शादी की थी। दूसरी बार अपनी बेटी की उम्र की औरत से शादी की और आख‍िर में तीसरी बार हिटलर की मां से शादी की थी।

जवानी के समय हिटलर को एक यहूदी लड़की से प्यार हो गया था। मगर हिटलर के पास उस समय इतनी भी हिम्‍मत नहीं थी, कि वह उस लड़की से अपने प्‍यार का इज़हार कर सकता।

अडोल्फ हिटलर की मां 1908 में अस्पतालमें दाखिल थी, और एक दिन कैंसर से उसकी माँ की मौत हो गई। उनकी देख-रेख करने वाले डॉक्टर का कहना था की उन्होंने पहले बार किसी लड़के को अपनी मां की मौत पर इतना रोते हुए देखा है।

हिटलर अपनी मां की कब्र पर रोते समय कुछ इस तरह के शब्द बोल रहा था- ” माँ, तुम मुझे छोड़कर कुयों चली गई माँ.. तुम्हें पता है मैं तुमसे कितना प्यार करता हूँ..अब मैं तुम्हारे बिना कैसे जिऊंगा माँ..तूने बहुत से दुःख झेले हैं माँ.. मैं भी तुझे कोई सुख भी नहीं दे पाया… अब तू चैन से सो जा माँ..”

हिटलर का सपना एक पेंटर बनने का था. मगर उसे 1907 और 1908 में Accdemy of fine arts ने दो बार रिजेक्ट कर दिया था।

महज 16 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल को छोड़कर पोस्टकार्ड पर चित्र बनाकर अपना निर्वाह किया था।

हिटलर की मूंछो को ‘टुथब्रश मुछें’ कहा जाता है। ये मूंछे उसने इसीलिए रखी थी, वह चार्ली चैपल का बहुत बड़ा फैन था इसीलिए उसके जैसी मूंछे रखनी चाहता था।

प्रथम विश्वयुद्ध छिड़ने पर हिटलर सेना में भर्ती हो गये थे, और उसको दो बार ‘आयरन क्राॅस’ से भी सम्मानित किया गया था।

हिटलर की वजह से मानव इतिहास का सबसे विनाशकारी युद्ध छिड़ा था। ये युद्ध दूसरा विश्व युद्ध था, जिसकी वजह से करोड़ों लोगों की जान चली गई थी।

हिटलर की जाति नीति के कारण लगभग 1 करोड़ 10 लाख लोगों की मौत हुई थी। दूसरे विश्व युद्ध के कारण लगभग 6 करोड़ लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।

दुनिया में अपना खौफ पैदा करने वाला जर्मनी का तानाशाह हिटलर खुद भी हमेशा मौत के डर के साए में रहता था।

आश्चर्य की बात यह है कि, जिस व्यक्त‍ि ने इंसानों के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं थी और जिसके नाम से दुनिया डरती थी, वह हिटलर शुद्ध रूप से शाकाहारी था. इतना ही नहीं, उसने पशु क्रूरता के खिलाफ भी एक कानून बनाया था।

आधुनिक इतिहास में पहली बार हिटलर वह पहला इंसान था, जिसने धूम्रपान विरोधी अभियान का आगाज किया था।

हिटलर की जिंदगी का वो दिन सबसे ख़ास दिन था, जब 1938 के साल में टाइम्स मैगज़ीन ने उसको ‘द मैन ऑफ द ईयर’ का टाइटल दिया था।

आस्चर्ज की बात यह है कि सन् 1939 में एडोल्फ हिटलर को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया था।

आपको बता दें कि ज्यादातर विशेषज्ञों का यह मानना है कि हिटलर ने मित्र की सेना के बर्लिन पहुँचने पर अपनी पत्नी ईवा के साथ एक भूमिगत में आत्महत्या कर ली थी।

जोराई विलियम्स और उनके सेह-लेखक सिमोन डेस्टन ने अपनी किताब ‘Grey wolf-Escape of Adolf Hitler’ में यह दावा किया है कि दरअसल हिटलर 1945 में बर्लिन स्थित भूमिगत बंकर में नहीं मरा था, बल्कि अमेरिका से हुए एक गुपत समझौते के तहत ईवा ब्राउन के साथ दक्षिण अमेरिका देश अर्जेंटीना चला गया था, और वहां वो 1962 मतलब अपनी मृत्यु तक रहा था।

यह भी पढ़ें:-जानिए कैसे बने अब्राहम लिंकन अनेक असफलताओं के बाद इतने सफल इंसान

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