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‘इसरो’ से जुड़े कुछ अनसुने रोचक तथ्य….!

‘इसरो’ का पूरा नाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन है. भारत के राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान इसरो का मुख्यालय कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में लगभग 17 हजार कर्मचारी एवं वैज्ञानिक काम करते हैं. इसरो का मुख्य कार्य अंतरिक्ष संबंधी तकनीक उपलब्ध करवाना और उपग्रहों, प्रमोचक यानों, परिज्ञापी राकेटों और भू-प्रणालियों का विकास करना है.

विक्रम साराभाई (1960-1970)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान का इतिहास

भारत का अंतरिक्षीय अनुभव बहुत पुराना है, इसका उपयोग उस समय से किया जाता है जब रॉकेट को आतिशबाजी के रूप में प्रयोग किया जाता था.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की स्थापना 1969 में की गई थी. भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में 70 का दशक प्रयोगात्मक युग था. जिस दौरान ‘आर्यभट्ट‘, ‘भास्कर‘, ‘रोहिणी‘ तथा ‘एप्पल‘  जैसे उपग्रह कार्यक्रम चलाए गए थे. इन सफल कार्यक्रमों की सफलता के बाद 80 के दशक में ‘इन्सेट‘ तथा ‘आईआरएस‘ जैसे उपग्रह कार्यक्रम शुरू किए गए थे जो कि वर्तमान में प्रमुख कार्यक्रम है.

डॉ विक्रम साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जिनका भारत के वैज्ञानिक विकास में अहम योगदान रहा. 1962 में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति (इनकोस्पार) का गठन किया, जिसमें डॉ॰ साराभाई को सभापति के रूप में नियुक्त किया

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रोचक तथ्य:

  1. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अब तक 104 उपग्रहों को लांच करने के अलावा 21 अलग-अलग देशों के लिए भी 79 उपग्रह लांच किए है.
  2. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का प्रक्षेपण यानी PSLVC37 ने श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से एक एकल मिशन में रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया
  3. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन लॉन्चिंग सेंटर से PSLVC37  ने 15 फरवरी 2017 को यानि आज सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर अपनी 39वीं उड़ान भरी है
  4. PSLVC37  के लॉन्‍च का कुल खर्च 100 करोड़ रुपए है. वैज्ञानिकों के अनुसार अंतरिक्ष कॉरपोरशन ने इन सैटेलाइट्स के लिए 200 करोड़ रुपए की डील की है यानी उसे करीब 100 करोड़ रुपए की बचत होगी.
  5. इसरो का बजट केंद्र सरकार के कुल खर्च का 34% और GDP का 0.08% है.
  6. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसरो का पिछले 40 साल का खर्च नासा के एक साल के खर्च का आधा है. वहीं नासा की इंटरनेट स्पीड 91GBps है और इसरो की इंटरनेट स्पीड 2GBps है.
  7. पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी का नाम SUPARCO है जो कि 1961 में बनी थी जबकि इसरो 1969 में. इसरो अब तक 86 सैटेलाइट्स लांच कर चुका है बल्कि SUPARCO सिर्फ 2 ही कर पाया है वह भी विदेशी देशों की सहायता से.
  8. इसरो के पहले उपग्रह का नाम आर्यभट्ट है जो की 19 अप्रैल 1975 को रूस की सहायता से लांच किया गया था.
  9. 1981 में एप्पल सैटेलाइट्स को बैलगाड़ी पर ले जाया गया था.
  10. भारत द्वारा लांच किया गया पहला स्वदेशी उपग्रह SLV-3 था. इस सैटेलाइट्स के डायरेक्टर डॉ. ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम थे.
  11. इसरो ने 2008-09 में चंद्रयान-1 सैटेलाइट्स लॉन्च किया था जिसका बजट तकरीबन 350 करोड़ रुपए था यानि नासा से 8-9 गुना कम था. इसी सैटेलाइट्स ने चाँद पर पानी की खोज की थी.

यह भी पढ़ें: ISRO की बड़ी कामयाबी, सबसे भारी रॉकेट GSLV Mark-3 किया लॉन्च!!!

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